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केरल के बाद कर्नाटक में बारिश का कहर, बाढ़ और भूस्खलन में 1500 लोग फंसे

एक ओर जहां केरल में बाढ़ से हालत बद से बदतर हो चले हैं, वहीं निकटवर्ती राज्य कर्नाटक में भी बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।

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Mohit sharma

Aug 19, 2018

Karnataka

केरल के बाद कर्नाटक में बारिश का कहर, बाढ़ और भूस्खलन में 1500 लोग फंसे

बेंगलुरू। भारी बारिश और बाढ़ ने देश के दक्षिण राज्यों में तबाही मचा रखी है। एक ओर जहां केरल में बाढ़ से हालत बद से बदतर हो चले हैं, वहीं निकटवर्ती राज्य कर्नाटक में भी बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। यहां लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। आलम यह है कि बाढ़ और भूस्खलन की वजह से 1500 लोगों अलग-अलग जगहों पर फंस गए हैं। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने शनिवार को बाढ़ पीड़ित कोडागु जिले का दौरा किया है। मुख्यमंत्री के अनुसार बचाव दल उन तक खराब मौसम और भूस्खलन के कारण पहुंच नहीं पा रहा है। फंसे हुए लोगों को निकालने के प्रयास जारी हैं और राज्य अधिकारियों के साथ सेना के जवान, नौसैनिक युद्ध स्तर पर बचाव व राहत अभियान चला रहे हैं।

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मुख्यमंत्री ने इससे पहले जिले के अधिकारियों के साथ कोडागु में बाढ़ की स्थिति को लेकर बैठक की।
उन्होंने कॉफी उगाने वाले जिले का हवाई निरीक्षण किया, जो राज्य की राजधानी बेंगलुरू से 270 किलोमीटर दूर है। जून के पहले सप्ताह से शुरू हुए दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश से दक्षिणी राज्य के सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से कोडागु भी एक जिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी लोगों को एयर लिफ्ट कर निकालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मौसम साथ नहीं दे रहा है। गुरुवार से जिले में भूस्खलन और भारी बारिश से छह लोगों की मौत हो चुकी है। कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी) के मुताबिक, जिले में अधिकतम 25.3 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटों के दौरान 11.9 सेंटीमीटर की औसत बारिश हुई है।

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एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भूस्खलन के कारण सैकड़ों लोग जिले की विभिन्न पहाड़ियों में अभी भी फंसे हुए हैं। राज्य सरकार ने हालात की गंभीरता का समझते हुए आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराने की घोषणा की है। आपको बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री ने प्रभावित जिलों में राहत अभियान चलाने के लिए 200 करोड़ रुपये का फंड जानी करने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार "डोगरा रेजिमेंट के करीब 60 जवान और नौसेना के 12 विशेषज्ञ गोताखोरों ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत कार्यों में लगाया गया है, जिन्होंने अब तक 873 असहाय लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।