
नई दिल्ली। कठुआ गैंगरेप में एक नया मोड़ आया है। मुख्य आरोपी सांझीराम ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वो बकसूर है। उसे पुलिस ऑफिसर ने इस मामले में झूठा फंसा दिया है। इतना ही नहीं मुख्य आरोपी ने और उसे बेटे विशाल ने हलफनामे में एक बार फिर सीबीआई जांच की मांग को दोहराया है। इसके अलावा कुछ और ऐसी बातें उसने कही जिसके बारे में सुनकर आप भी सोच में पड़ सकते हैं।
सांझीराम ने कहा, 'पीड़ित बच्ची की दादा की तरह हूं'
मुख्य आरोपी सांझीराम ने कोर्ट से कहा कि वो पीड़ित बच्ची के दादा की तरह है। उसे इस केस में झूठा फंसा दिया गया है। यहां आपको बता दें पहले पुलिस के हवाले से जो खबर आई थी, उसके मुताबिक उसने अपना जुर्म कबूल किया था। हालांकि, उसने और उसके बेटे ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। सांझीराम का तर्क है कि जम्मू कश्मीर की महबूबा मुफ्ती की सरकार के दो मंत्रियों ने भी इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। हालांकि, अब वह ये मांग छोड़ चुके हैं। भाजपा नेताओं ने बाद में कहा था कि दो मंत्रियों को अपने अविवेक के लिए दंड मिलेगा, लेकिन सीबीआई जांच की मांग करने में आखिर बुराई क्या है? इसके अलावा सांझीराम और सभी आठ आरोपी पीड़िता बच्ची के साथ इंसाफ चाहते हैं। इतना ही नहीं इस घटना के सभी आठ आरोपियों ने केस की सुनवाई चंडीगढ़ कोर्ट में ट्रांसफर करने का विरोध किया है। इसके अलावा सांझीराम ने यह भी कहा कि पीड़ित पक्ष की वकील दीपिका सिंह राजावत, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। ट्रायल कोर्ट की वकील नहीं है, इसलिए उन्हें दी गई सुरक्षा भी हटाई जाए।
यह था मामला...
गौरतलब है कि जनवरी महीने में बकरवाल समुदाय की आठ साल की बच्ची का अपहरण कथित तौर पर उसके साथ गैंगरेप किया गया था। आरोप है कि उसे कई दिनों तक बंधक बनाकर गैंगरेप किया गया। इसके बाद उसका सिर कुचलकर उसकी हत्या कर दी गई। लेकिन, जब इस कांड की भयावहता की खबर अप्रैल महीने में पूरे देश मे फैली तो सनसनी फैल गई। पिछले महीने, देश भर में फैले गुस्से ने सरकार को मजबूर कर दिया कि वह बच्चों से बलात्कार करने वालों के लिए निर्धारित सजाओं में मृत्युदण्ड भी शामिल करें।
Published on:
05 May 2018 02:31 pm
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