
केरल में बाढ़ ने मचाई 100 साल की सबसे बड़ी तबाही, 324 लोगों की मौत, हालात का जायजा लेने पहुंचे पीएम मोदी
नई दिल्ली: केरल में बाढ़ ने पिछले 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बारिश और बाढ़ की चपेट में आकर राज्य का कई हिस्से पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। केरल सरकार के मुताबिक बाढ़ की वजह से अबतक 324 लोगों की मौत हो चुकी है और दो लाख 23 हजार 139 लोग बेघर हो गए हैं। सूबे के बदतर हालात को देखते हुए खुद पीएम मोदी ने केरल जाने का फैसला लिया और शुक्रवार की शाम ही केरल रवाना हो गए। गौर करने वाली बात ये है कि पीएम मोदी अटल जी के अंतिम संस्कार के कुछ ही देर बाद जिस तरह काम पर लौटे हैं लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं।
शनिवार को बाढ़ का जायजा लेंगे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने शाम 7.23 मिनट पर ट्वीट कर बताया कि वे केरल में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने जा रहे हैं। पीएम मोदी ने शुक्रवार को फोन पर राज्य के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन से बात की और बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की। मोदी ने ट्वीट किया कि बाढ़ के कारण पैदा हुई दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति का जायजा लेने शाम को मैं केरल जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री के साथ टेलीफोन पर बात हुई। हमने राज्य में बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की और बचाव अभियान की समीक्षा की। मोदी ने शनिवार को केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने का ऐलान किया।
केरल सरकार ने मांगी देश से मदद
केरल में बाढ़ से आई भीषण तबाही से उबरने के लिए राज्य सरकार ने मदद की गुहार लगाई है। केरल सीएमओ की ओर से बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए दान की अपील की गई है। https://donation.cmdrf.kerala.gov.in पर जाकर कोई भी राहत कार्यों में मदद कर सकता है।
राहत और बचाव कार्य तेज करने में जुटी सरकार
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने शुक्रवार को केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के मकसद से अतिरिक्त संसाधनों के इस्तेमाल का फैसला किया। समिति ने केरल को थलसेना, नौसेना, वायुसेना, तटरक्षक और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) समेत सभी एजेंसियों के संसाधनों की मदद मुहैया करवाने का निर्णय लिया। केंद्र सरकार ने केरल को इस दैवीय आपदा से निपटने के लिए अब तक 339 मोटर बोट, 2,800 जीवन जैकेट, 1,400 जीवनरक्षक पेटी, 27 लाइट टॉवर और 1,000 रेनकोट प्रदान किए हैं। इसके अलावा 72 मोटर बोट, 5,000 जीवन जैकेट, 2,000 जीवनरक्षक पेटी, 13 लाइट टॉवर और 1,000 रेनकोट और इस्तेमाल किए जाएंगे। भारतीय वायुसेना ने 23 हेलीकॉप्टर और 11 परिवहन विमान तैनात किए हैं। कुछ विमान येलहांका और नागपुर से उड़ान भरने वाले हैं। थलसेना ने 10 टुकड़ी जवानों, 10 इंजीनियरिंग टॉस्क फोर्स, 60 बोट और 100 जीवन जैकेट का इस्तेमाल किया है। एनडीआरएफ ने 43 बचाव दल और 163 बोट व अन्य उपकरणों को राहत काम में लगाया है।
राहत शिवर में रह रहे 2.25 लाख लोग
केरल की पेरियार और इसकी सहायक नदियों में उफान से एनार्कुलम और त्रिशूर के कई कस्बे जलमग्न हो गए हैं। परावुर, कलाडी, चालाकुडी, पेरुं बवूर, मुवातुपुझा शामिल हैं। भारी बारिश, नदियों में बाढ़ की स्थिति और भूस्खलन की घटनाओं की वजह से राज्य में लगभग 324 लोग जान गंवा चुके हैं। मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने शुक्रवार को कहा कि राज्य भर में 1,568 राहत शिविरों में 2.25 लाख लोग रह रहे हैं।
Published on:
17 Aug 2018 09:44 pm
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