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मेहरम के बगैर 1300 महिलाएं जा रही हज, केरल सबसे आगे

बिना मेहरम हज यात्रा के 1300 महिलाओं में 1,120 आवेदन केरल से दाखिल हुए हैं।

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Pradeep Kumar Pandey

Jan 05, 2018

Haj at mecca

नई दिल्ली। केरल से बिना मेहरम हज जाने के लिए सर्वाधिक आवेदन आये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में इस मामले में घोषणा में कहा था कि अब मुस्लिम महिलाएं बिना मेहरम यानी बिना किसी पुरुष सदस्य के साथ के भी हज की यात्रा कर सकेंगी। उन्होंने कहा था कि हज कमेटी में आये 1300 मुस्लिम महिलाओं के आवेदन को स्पेशल केटेगरी में रखा जायेगा और यह सुनिश्चित किया जायेगा कि अकेले होने के कारण उन्हें हज यात्रा करने से ना रोका जाए।

कुल 1300 आवेदन में 1,120 आवेदन केरल से
इस मामले में हज कमेटी ने एक जानकारी में बताया कि ऐसे मुस्लिम महिलाएं जिन्होंने बिन मेहरम हज यात्रा के आवेदन दिए थे, उन 1300 महिलाओं में 1,120 आवेदन केरल से दाखिल हुए हैं। केरल के बाद सबसे ज्यादा आवेदन बंगाल से आये थे। बंगाल से 48 आवेदन आये हैं।इसके अलावा उत्तर प्रदेश से 32 और कर्णाटक से 28 आवेदन आये हैं। हालांकि असम और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य जहां मुस्लिम आबादी काफी अधिक है, वहां से सिर्फ चार-चार आवेदन आये हैं। मध्यप्रदेश और झारखण्ड से भी सिर्फ चार-चार आवेदन आये हैं।फिलहाल गुजरात और बिहार से कोई आवेदन आने की पुष्टि नहीं हुई है।

'मन की बात' में मोदी ने किया था ऐलान
बता दें की प्रधानमंत्री मोदी ने अपने रेडियो प्रोग्राम के 31 दिसंबर 2017 को ब्रॉडकास्ट हुए संस्करण में ऐलान किया था कि जिन भी महिलाओं ने अकेले हज यात्रा करने के लिए आवेदन दिया है, उन सभी को विशेष श्रेणी के रखा जाएगा। और इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा कि ऐसी सभी महिलाओं को यात्रा करने का मौका मिले।

मुस्लिम महिला सशक्तिकरण के दिशा में बेहतरीन कदम
मोदी के इस ऐलान की तारीफ करते हुए हज कमेटी के सदस्य तैय्यब आफंदी ने कहा कि यह सरकार की एक बेहतरीन पहल है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह नियम सऊदी अरब सरकार ने पहले ही बदल दी थी लेकिन हमारे यहां यह लागू नहीं हो पायी थी, अब प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद ऐसी सभी मुस्लिम महिलायें हज यात्रा पूरी कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को हमारे देश में बहुत से बंधनो का सामना करना पड़ता था,कई बार हर तरह के संसाधन होने के बाद भी बस मेहरम के कमी में वो यात्रा नहीं कर पाती थी। अब इस कदम के बाद उनके दशा में परिवर्तन आएगा और महिला सशक्तिकरण में बढ़ोत्तरी होगी।


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