
नई दिल्ली। आज कल गूगल और वाट्सऐप ने हर चीज संभव बना दिय है। अब इसकी मदद से पुलिस ने एक खोई हुई बच्ची को उसके घर वालों से मिलाया है। मंगलवार को पुलिस ने ठाणे के बालिका आश्रम में रहने वाली नाबालिग को उसके घर वालों के हवाले किया,जिसका जरिया गूगल और वाट्सऐप बना।
दरअसल,14 मई को ठाणे चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट के कुछ अधिकारी व कर्मचारी वर्तक नगर स्थित दिव्यप्रभा बालिका आश्रम पहुंचे हुए थे। वहां पुलिस ने कुछ लड़कियों से उनके घर वालों के बारे में जानकारी ली। इस दौरान पूछताछ में एक किशोरी ने बताया कि वह 5 साल पहले अपने घर से अलग हो गई थी। खोई हुई बच्ची ने बताया कि उसके पिता मुंबई के मालाड में डीजे बनाने का काम करते हैं। बचपन में ही उसकी मां की मौत हो गई थी। उसका गांव सुल्तानपुर में है।
बच्ची से मिली जानकारी के बाद अधिकारियों ने इंटरनेट की मदद से गूगल पर मालाड में काम करने वाले डीजे वाले के बारे में पता लगाा। इसके बाद पुलिस ने सिद्धार्थ नाम के एक युवक से संपर्क किया और ननाबालिग बच्ची बारे में उसे बताया,जिसके बाद सिद्धार्थ ने वॉट्सऐप के डीजे ग्रुप पर इस संबंध में जानकारी डाली।
ग्रुप में डाली जानकारी देखने के बाद दिनेश विश्वकर्मा नाम के व्यक्ति ने सिद्धार्थ से संपर्क किया और उसने अपनी खोई हुई बेटी के बारे में सारी जानकारी दी। फिर दिनेश ने सिद्धार्थ के जरिये मुंबई की चाइल्ड प्रटेक्शन यूनिट से संपर्क किया।
विश्वकर्मा ने पुलिस को बताया कि उसकी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट 13 अप्रैल 2013 को कुरार पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई थी। वहीं,यूनिट की तरफ से कुरार पुलिस से संपर्क कर शिकायत की पुष्टि की गई,जिसके बाद पुलिस ने बच्ची को पिता को सौंप दिया।
Published on:
17 May 2018 04:09 pm
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