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किसान आंदोलन: अब एमएसपी पर नया बिल लाने की मांग, किसान बोले- केन्द्र ने माना कि नए कानून ट्रेडर्स के लिए

Highlights. - किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर नया बिल लाने की मांग भी की है - भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार सिर्फ विरोध खत्म कराने चाह रही है - तीनों कानूनों वापस नहीं ले लिए जाएं, तब तक आंदोलन खत्म नहीं करेंगे

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Ashutosh Pathak

Dec 11, 2020

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नई दिल्ली.

नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर नया बिल लाने की मांग भी की है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार सिर्फ विरोध खत्म कराने चाह रही है। लेकिन, आंदोलन तब तक खत्म नहीं करेंगे, जब तक कि तीनों कानूनों वापस नहीं ले लिए जाएं।
टिकैत ने एमएसपी पर अलग से बिल लाने की मांग भी की है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि केंद्र ने माना है कि कानून ट्रेडर्स के लिए है। यदि कृषि राज्य का मामला है तो कानून बनाना उनका अधिकार नहीं है। आंदोलन का गुरुवार को 15वां दिन था। किसानों को मनाने के लिए छह दौर की बातचीत के बाद सरकार की लिखित प्रस्ताव दे किसानों को मनाने की कोशिश भी बुधवार को नाकाम हो गई। किसान अब आंदोलन तेज करने में जुटे हैं।

आंदोलन कमजोर करना चाह रही सरकार

भारतीय किसान यूनियन के नेता मंजीत सिंह ने कहा है कि सरकार हमारे आंदोलन को कमजोर करना चाहती है। लेकिन, इसमें शामिल होने के लिए बहुत सारे किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। किसान देशभर में हाइवे जाम करने की तैयारी कर रहे हैं। हम दिल्ली के लोगों से भी समर्थन की अपील कर रहे हैं।

किसान आंदोलन में चीन-पाकिस्तान का हाथ: केन्द्रीय मंत्री

केंद्रीय खाद्य आपूर्ति राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा है कि किसानों के आंदोलन में पाकिस्तान और चीन का हाथ है। दानवे ने कहा कि पहले सीएए और एमआरसी को लेकर मुसलमानों को भडक़ाया गया। अब किसानों को उकसाया जा रहा है। दानवे के इस बयान पर महाराष्ट्र के मंत्री बच्चू काडू ने कहा है कि पिछली बार जब उन्होंने ऐसे ही विवादित बयान दिए थे तो हमने उनके घर का घेराव किया था। लेकिन अब हालत ये है कि हमें उनके घर में घुसकर उनकी पिटाई करनी होगी। वहीं, ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला का कहना है कि यह भारतीय किसानों का अपमान है।

‘किछु कहिए-किछु सुनिए’ से पीएम का किसानों को संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन के निर्माण की आधारशिला रखी। इस मौके पर दिए अपने भाषण में उन्होंने सीधे तौर पर तो किसान आंदोलन को लेकर कोई बात नहीं कही, पर इशारों में किसानों को ये संदेश जरूर दिया कि लोकतंत्र में संवाद बेहद जरूरी है। पीएम मोदी ने गुरु नानकदेवजी के उपदेश ‘किछु कहिए, किछु सुनिए’ का जिक्र किया और कहा कि लोकतंत्र में विभिन्न विचार हो सकते हैं, पर हम जनता की सेवा के लिए हैं।

सपा कार्यकर्ता हिरासत में

किसानों के समर्थन में गुरुवार को ग्रेटर नोएडा में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पदयात्रा निकाल रहे थे। पुलिस ने इन्हें रोक लिया और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले कर पुलिस लाइन भेज दिया।


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