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Kisan Andolan: राहुल के सड़क मार्च को दिल्ली पुलिस से नहीं मिली इजाजत, सरकार से बेनतीजा रही बातचीत

Published: Dec 24, 2020 10:39:23 am

Kisan Andolan सरकार से एक बार फिर बेनतीजा रही बातचीत
राहुल गांधी के नेतृत्व वाले मार्च को नहीं मिली दिल्ली पुलिस की मंजूरी
विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक निकालने वाले थे मार्च

Rahul Gandhi

कांग्रेस नेता राहुल गांधी

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों ( Farm Law ) के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का आंदोलन 28वें दिन भी जारी है। दिल्ली की सड़कों पर डटे किसानों को करीब एक महीना हो गया है। सरकार की ओर से ताजा संशोधनों का प्रस्ताव भी किसानों ने ठुकरा दिया है, किसानों का कहना है कि सरकार बिना किसी शर्त के साथ बातचीत की टेबल पर आए।
वहीं दूसरी ओर किसानों के लिए विपक्ष सरकार पर हल्ला बोल की तैयारी में थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ( Rahul Gandhi )के नेतृत्व में विपक्ष मार्च निकालकर राष्ट्रपति को दो करोड़ हस्ताक्षर वाला ज्ञापन सौंपना था, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली पुलिस ने मार्च की इजाजत नहीं दी है।
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नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों के पक्ष में विजय चौक से लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने वाले थे।
राहुल गांधी के नेतृत्व में अन्य कांग्रेसी सांसद भी इसमें हिस्सा लेने वाले थे। मार्च के बाद राहुल और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने की तैयारी में थे, लेकिन उन्हें दिल्ली पुलिस ने इजाजत नहीं दी है।
बिधूड़ीः घड़ियाली आंसू बहा रहे केजरीवाल
वहीं दक्षिणी दिल्ली सांसद रमेश बिधूड़ी ने सीएम अरविंद केजरीवाल पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी के लोग अपशब्द बोलते रहे हैं। कभी पूर्वांचल के नाम पर, कभी निजी रूप से बदनाम करना। केजरीवाल अपनी अभद्र, झूठी बयानबाजी के कारण कई बार माफी भी मांग चुके हैं।
अब प्रेस वार्ता करके उनके प्रवक्ता ने किसानों के लिए घड़याली आंसू बहाए हैं। मैं यह पूछना चाहता हूं कि अरविंद केजरीवाल व उनके प्रवक्ता ने कभी यह देखा कि किसान की पीड़ा क्या है? हमारे पिताजी व दादा किसान थे।
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कृषि मंत्री से मिलेगी किसान सेना
इसके साथ ही गुरुवार को आंदोलन के बीच किसान सेना के समर्थक और किसान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात करेंगे। किसान सेना भी सरकार से तीनों कानूनों को वापस लेने पर जोर देगी।
इससे पहले बीते दिन सिंघु बॉर्डर पर 40 से अधिक किसान संगठनों की बैठक हुई, जिसमें सरकार के प्रस्ताव को नकार दिया गया। किसानों ने सरकार को लिखकर नया प्रस्ताव देने की बात कही है। इस नए प्रस्ताव पर विचार करने की बात भी की गई है।
दरअसल अब किसान तीनों कानूनों को वापस लेने पर अड़ गए हैं। किसानों का ये फैसला तब आया है, जब 25 दिसंबर को पीएम मोदी हजारों किसानों से संवाद करेंगे और उनके खाते में कृषि सम्मान निधि योजना की किस्त भेजेंगे।
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