देशभर में घटे 18 लाख DTH सब्सक्राइबर
डीटीएच बिसने को सपोर्ट करने के लिए सरकार ने बढ़ाई लाइसेंस अवधि सीमा
बिना विज्ञापन और पर्सनलाइज्ड मनोरंजन ने सब्सक्राइबर को किया डीटीएच से शिफ्ट
देश में घट रहे डीटीएस सब्सक्राइबर
नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को डीटीएच ( DTH ) बिजनेस को सपोर्ट करने के लिए उसके लाइसेंस की समय सीमा बढ़ाकर 20 साल कर दी और इसके साथ 100 फीसदी एफडीआई को भी मंजूरी दे दी। बावजूद इसके देश के भीतर डीटीएच का बाजार कमजोर पड़ रहा है। पिछले एक साल में 18 लाख डीटीएच उपयोगकर्ता कम हुए हैं।
यह उपयोगकर्ता कहां गए तो जवाब है कि बड़ी संख्या में लोग ओटीटी पर शिफ्ट हो रहे हैं। इस दौरान करीब 76 लाख यूजर ओटीटी प्लेटफॉर्म के बढ़े हैं। डिजिटिलाइजेशन के बाद महंगा होता डीटीएच और मनोरंजन के बीच विज्ञापन की भीड़ के चलते डीटीएच के बाजार को कमजोर माना जा रहा है।
ब्रिटेन में मिला कोरोना वायरस का तीसरा प्रकार, जानिए क्यों बढ़ी चिंता और कैसे मिलेगी राहतपशोपेश में विज्ञापनदाता एंटरटेनमेंट के इस बदलते हाल से विज्ञापनदाता मुश्किल में है। उसके लिए मुश्किल है कि वह किस ओर रुख करे, क्योंकि मनोरंजन के सामान्य चैनल जैसे जी, सोनी और दूसरे चैनल ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बिना विज्ञापन उपलब्ध हैं और बड़ी संख्या में वहां पर देखे जा रहे हैं। टीवी पर विज्ञापन के साथ देखने वालों की संख्या में गिरावट आ रही है। ज्यादातर विज्ञापन इन्फुलिएंसर के पास ओटीटी प्लेटफॉर्म है।
लॉकडाउन में ओटीटी का जलवा, डीटीएच कमजोर हालत में ट्राई के आंकड़ों को मानें तो मार्च—19 की तुलना में मार्च—20 के आंकड़ों को देखें तो डीटीएच बाजार में 21.8 लाख सब्सक्राइबर संख्या की कमी आई है। मार्च 2019 में जहां कुल सब्सक्राइबर करीब 7.24 करोड़ था, वह घटकर 7 करोड़ पर आ गया।
इस तिमाही में टाटा स्काई, डिश टीवी और सन डायरेक्ट का मार्केट शेयर कम हुआ है। जबकि चौथे खिलाड़ी एयरटेल के मार्केट शेयर में सिर्फ 0.18 फीसदी ही बढ़ा है। लॉकडाउन से पहले जनवरी—20 के आंकड़े को देखें तो डीटीएच के कुल सब्सक्राइबर की संख्या 6.99 करोड़ थी, जो लॉकडाउन के दौरान जून—20 में सिर्फ 7.05 करोड़ तक पहुंच पाई, यानि महज छह लाख की बढ़त। वहीं दूसरी ओर ओटीटी बाजार ने इस दौरान 76 लाख यूजर संख्या का इजाफा किया।
भारत में वायु प्रदूषण घोंट रहा जीडीपी का गला, लैंसकार्ट की रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा55 फीसदी ने नकारा डीटीएच मो—मेजिक के एक सर्वे के मुताबिक देश में ओटीटी को पसंद करने वालों की तादाद 55 फीसदी है, यानि इन लोगों ने डीटीएच को पसंद नहीं किया। डीटीएच को पसंद करने करने वालों की संख्या सिर्फ 45 फीसदी रही। कारण साफ है कि जिस तेजी के साथ दोनों में सुविधा और रेट का अंतर खड़ा हुआ है, उसने भारतीयों को निर्णय लेने के लिए स्पष्ट राय दी है।
क्यों घटा डीटीएच का बाजार – एक्सपर्ट के मुताबिक, ओटीटी ने हर यूजर को पर्सनलाइज्ड मनोरंजन एचडी में भी उपलब्ध कराया, जबकि डीटीएच के साथ ऐसा नहीं है। – एक टीवी पर पूरा परिवार एक ही पसंद को नहीं देख सकता है, जबकि ओटीटी में यह सुविधा है कि हर यूजर को मल्टीपल लॉगिन की सुविधा है, ऐसे में हर कोई अपनी पसंद और नापसंद से उपयोग कर सकता है।
– ओटीटी प्लेटफॉर्म वर्तमान में डीटीएच ये काफी सस्ता है। एक घर में एक से ज्यादा टीवी चलाने के लिए उतने डीटीएच कनेक्शन की जरूरत होती है। जबकि ओटीटी के साथ ऐसा नहीं है। सामान्य तौर पर हर ओटीटी प्लेटफॉर्म पांच लॉगिन की सुविधा देता है।
– ओटीटी प्लेटफॉर्म पर पर्सनलाइज्ड अनुभव के साथ नया और फ्रेश कंटेंट तेजी के साथ उपलब्ध हो रहा है, जबकि डीटीएच बाजार टीवी चैनलों पर ही निर्भर है। – बिना विज्ञापन कंटेंट देखने की सुविधा पेड ओटीटी एप में उपलब्ध होती है, यहां मनोरंजन होता है विज्ञापन नहीं।