
मानव संसाधन विकास मंत्रालय, केन्द्र सरकार के इस विभाग के बारे में जानें
नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry of Human Resource Development) भारत सरकार का एक प्रमुख केन्द्रीय मंत्रालय है जो शिक्षा, खेल-कूद आदि कार्यक्षेत्रों में देखभाल करता है। मानव संसाधन मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य भारत में मानव संसाधनों का विकास करना है। मानव संसाधन विकास का सार शिक्षा है, जो देश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में संतुलन के लिए अहम भूमिका निभाती है। भारत के नागरिक इसके अत्यधिक बहुमूल्य संसाधन हैं।
विभाग
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) का सृजन भारत सरकार (व्यवसाय का आबंटन) नियम, 1961 के 174वें संशोधन के माध्यम से 26 सितम्बर, 1985 को किया गया था। यह मंत्रालय दो विभागों के माध्यम से कार्य करता है:
- स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग
- उच्चतर शिक्षा विभाग
इस मंत्रालय का नेतृत्व कैबिनेट रैंक वाले मंत्री करते हैं। वर्तममान में इस विभाग के मंत्री प्रकाश जावड़ेकर हैं।
स्थापना- 26 सितंबर, 1985
मानव संसाध विकास मंत्रालय के अंतर्गत विभाग
- विश्वविद्यालय एवं उच्च शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा, दूर शिक्षा
- तकनीकी शिक्षा
- नियोजन
- यूनेस्को
- एकीकृत वित्त विभाग
विभाग को आठ ब्यूरो में विभाजित किया गया है और विभाग के अधिकांश काम इन ब्यूरो के तहत 100 स्वायत्त संगठनों से अधिक है।
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग देश में स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता के विकास के लिए उत्तरदायी है तथा उच्चतर शिक्षा विभाग संयुक्त राज्य अमेरिका एवं चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी उच्चतर शिक्षा प्रणाली की देखरेख करता है। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग का लक्ष्य शिक्षा के सार्वभौमिकरण एवं युवाओं में से बेहतर नागरिक तैयार करना है। इसके लिए आए दिन नई स्कीमें और कार्यक्रम शुरू किए जाते हैं। दूसरी तरफ, उच्चतर शिक्षा विभाग देश की उच्चतर शिक्षा एवं अनुसंधान में विश्व स्तरीय अवसर पैदा करने का काम करता है जिससे इंटरनैशनल लेवल पर भारत के स्टूडेंट्स सबसे आगे रहे।
मंत्रालय के मुख्य उद्देश्य
मानव संसाधन विकास मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य शिक्षा पर राष्ट्रीय नीति तैयार करना और यह सुनिश्चित करना कि यह पत्र और भावना में लागू हो। पूरे देश में शिक्षण संस्थानों की पहुंच और सुधार सहित योजनाबद्ध विकास, उन क्षेत्रों में शामिल हैं, जहां लोगों को आसानी से पहुंच उपलब्ध नहीं है। गरीबों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों जैसे वंचित समूहों पर विशेष ध्यान देना, छात्रवृत्ति, ऋण सब्सिडी आदि के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करना। समाज के वंचित वर्गों के छात्रों को योग्य बनाना। यूनेस्को और विदेशी सरकारों के साथ-साथ विश्वविद्यालयों, शिक्षा के क्षेत्र में देश के शिक्षा के अवसरों सहित, अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ मिलकर काम करना इस मंत्रालय के मुख्य उद्देश्य हैं।
Published on:
24 May 2019 07:54 pm
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