
नई दिल्ली। देश भर में चर्चित हुआ डायलॉग- हमारे चच्चा विधायक हैं, सुनने में जितना गज़ब सच्चाई में उतना ही मज़ेदार भी है। लोगों में इस बात को लेकर काफी दिलचस्पी होती है कि जिन नेताओं को वे विधायक बनाते हैं, आखिर उनकी सैलरी कितनी होती है। सबसे पहले तो आपको बता दें कि भारत के प्रत्येक राज्य में विधायकों की सैलरी अलग-अलग स्लैब्स में तय की गई है।
बता दें कि इस मामले में यूपी के विधायक सबसे ज़्यादा अमीर होते हैं, क्योंकि देश भर के सभी राज्यों की तुलना में यूपी के विधायकों की सैलरी ज़्यादा है। यूपी के विधायकों को सैलरी के रूप में 1 लाख 87 हज़ार रुपये मिलते हैं। लेकिन यहां एक खास बात ये है कि तेलंगाना में विधायकों की सैलरी बेशक कम है, लेकिन कुल भत्ते मिलाकर वे देश के सबसे ज़्यादा पैसे पाने वाले विधायक बन जाते हैं।
लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात तो ये है कि एक ही देश में विधायकों की सैलरी में ज़मीन-आसमान का अंतर होता है। आपको जानकर काफी हैरानी होगी कि त्रिपुरा में विधायकों की सैलरी महज़ 34 हज़ार रुपये होती है। तो वहीं महाराष्ट्र के विधायकों को 1.70 लाख रुपये, जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड के विधायकों को 1.60 लाख रुपये, आंध्र प्रदेश के विधायकों को 1.30 लाख रुपये सैलरी के रूप में मिलते हैं।
बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में विधायकों की सैलरी 20 हज़ार रुपये है। लेकिन दिल्ली के विधायकों को विधानसभा भत्ता के रूप में 18 हज़ार रुपये और 1000 रुपये दैनिक भत्ते के रूप में मिलते हैं। गौरतलब है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने विधायकों की सैलरी 400 फीसदी बढ़ाने के लिए मांग को लेकर बिल पेश किया था। जिसे पास कर दिया गया है, लेकिन अभी केंद्र ने दिल्ली सरकार की इस मांग पर मुहर नहीं लगाई है। अगर आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आई हो तो इसे शेयर करना न भूलें। क्योंकि देश के हर नागरिक को अपने विधायक की सैलरी जानने का अधिकार है।
कुछ साल पहले दिल्ली के विधायकों ने मांग की थी कि उनकी सैलरी 400 प्रतिशत तक बढ़ा दी जाए। इस सैलरी को लेकर बिल पास हो गया था लेकिन अभी इसे केंद्र से मंजूरी मिलनी बाकी है। दिल्ली के विधायकों को 20 हजार रुपये सैलरी, 18 हजार रुपये विधानसभा क्षेत्र भत्ता, 1000 रुपये दैनिक भत्ता सहित कुछ सुविधाएं दी जाती हैं।
Published on:
31 Jan 2018 06:49 pm
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