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ऐसे काम करता है प्रभु का ट्विटर सेल, TWEET से लोगों को मिली मदद

रेल मंत्रालय की चौथी मंजिल पर रूम नंबर-454, यह रेलवे का ट्विटर कंट्रोल रूम हैै, जिसमें 8 घंटे की शिफ्ट में काम होता हैं

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siddharth tripathi

Feb 19, 2016

suresh prabhu twitter cell

suresh prabhu twitter cell

इंदौर। सोशल मीडिया का जादू पूरी दुनिया के सिर चढ़कर बोल रहा है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्विटर को जादू की छड़ी बना रेल यात्रियों को मौका दिया है अपनी समस्याएं सीधे उन तक पहुंचाने का। रेल मंत्रालय की चौथी मंजिल पर कमरा नंबर-454। यह भारतीय रेलवे का ट्विटर कंट्रोल रूम हैै। जिसमें 8 घंटे की शिफ्ट में रेल कर्मचारी काम करते हैं। इस रूम में एक नियम है कि एक पल को भी कम्प्यूटर ऑफ नहीं होना चाहिए, क्योंकि न जाने कब किस पैसेंजर की शिकायत आ जाए। किसी भी रेल यात्री का ट्वीट आने के बाद ये टीम एक्टिव होती है और पांच मिनट के अंदर उस यात्री की प्रॉब्लम दूर करवाती है। यह प्रकिया राउंड द क्लॉक चलती है। जिसके कारण देर रात भी यात्रियों की समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाता है।

रेलवे के डीजी खुद नजर रखते हैं ट्विटर पर
दिल्ली के ट्विटर कंट्रोल रूम से राउंड द क्लॉक समस्याएं जोन और डिवीजन के अधिकारियों तक भेजी जाती हैं। वहीं जोन स्तर पर रेलवे के डायरेक्टर जनरल खुद ट्विटर पर नजर रखते हैं। जिससे यात्रियों की परेशानियों का समाधान किया जा सके। डिवीजन स्तर पर डीआरएम( डिवीजनल रेलवे मैनेजर) ने अपने एक अधिकारी को ट्विटर सेल से अटैच कर दिया है। जो लगातार ट्विटर पर नजर रखता है।

शिकायत आने पर डाल देते हैं व्हाट्सअप ग्रुप में
इंदौर के डीआरएम मनोज शर्मा ने बताया कि ट्विटर सोशल मीडिया का नया पहलू है। शुरूआत में हमारे साथियों को यह कुछ कठिन या कहें थोड़ा नया लगा, लेकिन अब आदत में आ चुकी है। हमने अपने एक अधिकारी को ट्विटर की जिम्मेदारी दे रखी है। जैसे ही हमारे पास कोई शिकायत आती है हम उसे अपने व्हाट्सअप ग्रुप में डाल देते हैं। इससे समय की काफी बचत होती है। संबंधित अधिकारी तुरंत एक्शन लेता है। कई बार ऐसा भी होता है कि कंट्रोल रूम से सीधे हमारे पास फोन आ जाता है।
युवती को मिली मदद
मालवा एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली से इंदौर आ रही पूजा कुमारी का बैग उज्जैन रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के डिब्बे से गायब हो गया था। पूजा ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट करके शिकायत दर्ज की थी। जीआरपी में भी शिकायत दर्ज कराई। रेल मंत्रालय से रतलाम डीआरएम को फोन पर आदेश आया कि पूजा की मदद की जाए। पुलिस ने तुरंत ही सक्रियता दिखाते हुए सर्च शुरू की जिससे बैग आसानी से मिल गया। पूजा ने तुरंत ही रेल मंत्रालय को धन्यवाद किया।

बीमार बेटे की मां ने किया ट्वीट, मिला उपचार
जबलपुर में लोकमान्य तिलक टर्मिनल से दरभंगा के लिए जा रही पवन एक्सप्रेस में जयश्री नाम की महिला अपने बेटे के साथ यात्रा कर रही थी। यात्रा के दौरान महिला के बेटे की तबियत खराब हो गई। इस दौरान कुछ समझ न आने पर जयश्री ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट कर दिया। ट्रेन जबलपुर से कटनी के बीच सफर तय कर रही थी। जयश्री के ट्वीट के बाद तुरंत ही कटनी स्टेशन पर मदद मुहैया कराने के लिए आदेश किया गया। जैसे ही ट्रेन कटनी पहुंची तो वहां रेलवे अफसर डॉक्टर के साथ मरीज का इंतजार करते हुए मिले। ट्रेन के पहुंचते ही जयश्री के बेटे का इलाज किया गया।

5 ट्वीट और 7 स्टेशन बाद भी नहीं मिली मासूम को मदद
धर्मेन्द्र गहलोत ने पंजाब मेल में फिरोजपुर से मुंबई तक का रिजर्वेशन कराया था। फिरोजपुर से दिल्ली का सफर आराम से कटा, लेकिन इसके बाद उनके छोटे बच्चे को हल्का बुखार हो गया। लगभग एक घंटे की यात्रा के बाद जब ट्रेन फरीदाबाद के निकट पहुंचने वाली हुई तो बुखार और तेज हो गया। इसके बाद उन्होंने रेलमंत्री के ट्विटर एकाउंट पर सहायता के लिए ट्वीट किया। ट्वीट करने के बाद बहुत देर तक सहायता नहीं मिली। आखिर में उन्हें लगातार प्रयास के बाद ग्वालियर स्टेशन पर मेडिकल हेल्प मिली।

बेटी ने किया ट्वीट, माता-पिता को पहुंची मदद
दुर्ग-जयपुर ट्रेन के एसी वन में सफर कर रहे 51 वर्षीय राजकुमार अपनी पत्नी के साथ उसलापुर से दमोह के लिए सफर कर रहे थे। बुजुर्ग दंपती जिस कोच में थे उसमें कुछ यात्रियों द्वारा शराब पीकर शोर शराबा किया जा रहा था। जिस पर आपत्ति किए जाने पर शराबी यात्री बुजुर्ग दंपती को डराने धमकाने लगे थे। इसके बाद बुजुर्ग दंपती ने मोबाइल के जरिए अपनी पुत्री को घटना की सूचना दी, तो उनकी पुत्री ने तत्काल मोबाइल से ही भारत सरकार के रेलमंत्री को ट्वीट किया। ट्वीट पर बुजुर्ग दंपती को चंद लम्हों के भीतर ही पुलिस सहायता उपलब्ध हो गई थी।

मासूम के लिए आया डॉक्टर
महाराष्ट्र से संजय नाम के यात्री अपनी पत्नी और बेटे मयंक के साथ कोल्हापुर-निजामुद्दीन एक्सप्रेस से दिल्ली जा रहे थे। झांसी के पास मयंक को अचानक तेज बुखार आ गया। बुखार आने के बाद मयंक बेहोश हो गया। पास ही बैठे एक अन्य यात्री ने रेल मंत्री को ट्वीट कर इस घटना की जानकारी दी और साथ ही हेल्प मांगी। ट्वीट के बाद तुरंत ही झांसी और ग्वालियर कंट्रोल रूम को खबर की गई। ग्वालियर में मयंक को इलाज मुहैया कराया गया था। आगरा और मथुरा स्टेशनों पर भी डॉक्टर्स ने आकर बच्चे का चेकअप किया था।

बच्चा ठिठुरा, एक ट्वीट पर प्रभु ने पहुंचाया कंबल
निजामुद्दीन से चलकर जबलपुर जाने वाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस के ए-1 में नवीन ठाकुर पत्नी माधवी और सात माह के बच्चे के साथ कटनी जा रहे थे। आगरा निकलते ही बिस्तर बिछाने के लिए बेडरोल देखा, तो उसमें कंबल नहीं था। सात माह का बच्चा ठंड में ठिठुर रहा था। कोच अटेंडर भी नहीं मिला। ग्वालियर स्टेशन पर नवीन ठाकुर के मित्र संदीप गुप्ता मिलने के लिए खड़े थे। उन्होंने ट्रेन की पोजीशन लेने के लिए फोन किया तो नवीन ने अपनी परेशानी बताई। संदीप हेड टीटी ऑफिस में शिकायत करने आए। उन्होंने ट्रेन ग्वालियर आने पर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। वहां बैठे एक व्यक्ति ने रेलमंत्री को ट्वीट करने की सलाह दी। मित्र ने नवीन को फोन कर रेलमंत्री को ट्वीट करने को कहा। नवीन ने ट्वीट किया। मुरैना आने से पहले नवीन ठाकुर को कंबल उपलब्ध करवा दिया गया था।

ट्वीट पर दिया मैसेज- छूट गया पर्स मिला वापस
यात्री गौरव कुमार अपने स्कूल के पांच दोस्तों के साथ दिल्ली से आगरा गए थे। ट्रेन में सीट पर बैठने में परेशानी हो रही थी, इसलिए गौरव ने अपना पर्स पीछे की जेब से निकालकर सीट पर रख दिया था। जल्दबाजी में आगरा में जब गौरव उतरे तो देखा कि पर्स ट्रेन में ही छूट गया है। इसके बाद उसने तत्काल रेलमंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट किया कि मेरा पर्स ट्रेन 12002 के सी-5, 23 पर छूट गया है। मुझे डिप्टी एसएस ग्वालियर से मदद की अपेक्षा है। ग्वालियर डिप्टी एसएस (कमर्शियल) का मोबाइल नंबर मिलने पर जब गौरव ने फोन किया तो उन्हें बताया गया कि पर्स मिल गया है। इसके बाद उसने राहत की सांस ली।

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