
उत्तराखंड में अगले 24 घंटे भारी बारिश का अलर्ट, केरल में सीएम ने किया राहत शिविरों का दौरा
नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को गहरा दुख जताया और अपाताकाल के विरोध में दृढ़ता से अपनी आवाज उठाने और समाज सेवा व भारत को बेहतर बनाने की उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को याद किया। कुलदीप नैयर ने बृहस्पतिवार रात 12.30 बजे दिल्ली स्थित एस्कॉर्ट्स अस्पताल में आखिरी सांस ली।
इस संबंध में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, "कुलदीप नैयर के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। वह अनुभवी संपादक-लेखक, राजनयिक-सांसद और आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के एक दृढ़ समर्थक थे। उनके पाठक हमेशा उन्हें याद करेंगे। उनके परिवार और सहयोगियों को संवेदनाएं।"
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, "कुलदीप नैयर हमारे समय की एक बौद्धिक शख्सियत थे। विचारों से बेबाक और निडर थे। उन्होंने कई दशकों तक काम किया।"
पीएम मोदी ने आगे लिखा, "आपातकाल के विरोध में, समाज सेवा और बेहतर समाज बनाने की उनकी प्रतिबद्धता को देश हमेशा याद करेगा। उनके निधन से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं।"
गौरतलब है कि कुलदीप नैयर का जन्म 14 अगस्त 1924 को पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। उन्होंने पाकिस्तान में ही अपनी शुरुआती शिक्षा पूरी की। अमरीका से पत्रकारिता की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने दर्शनशास्त्र में पीएचडी पूरी की। नैयर भारत सरकार के प्रेस सूचना अधिकारी के पद पर भी कई वर्षों तक काम करते रहे। इसके बाद यू॰एन॰आई॰, पी॰आई॰बी॰, 'द स्टैट्समैन', 'इंडियन एक्सप्रेस' के साथ भी लंबे समय तक जुड़े रहे। वे 25 वर्षों तक 'द टाइम्स' लंदन के संवाददाता भी रहे।
कुलदीप नैयर ने अपने करियर की शुरुआत बतौर उर्दू प्रेस रिपोर्टर की थी। वह दिल्ली के समाचार पत्र द स्टेट्समैन के संपादक भी रह चुके थे। पत्रकारिता के अलावा वह बतौर एक्टिविस्ट भी कार्यरत थे। ये कुलदीप की लेखनी का ही असर था कि इमरजेंसी के दौरान कुलदीप नैयर को भी गिरफ्तार किया गया था।
Published on:
23 Aug 2018 01:02 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
