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कुलभूषण जाधव की रिहाई पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में सुनवाई आज, भारत को मिल सकती है बड़ी सफलता

भारत सरकार कुलभूषण की स्वेदश वापसी को लेकर पूरी तरह मुस्तैद है। पिछले सुनवाई और सबूतों के आधार पर भारत का पक्ष काफी मजबूत नजर आ रहा है।

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Chandra Prakash Chourasia

Apr 13, 2018

Kulbhushan Jadhav's case

नई दिल्ली। पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की रिहाई के मामले में शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (आईसीजे) में सुनवाई होने जा रही है। भारत और पाकिस्तान दोनों ही पक्षों ने अदालत के सामने अपने अपने सबूत पेश कर चुके हैं। भारत सरकार कुलभूषण की स्वेदश वापसी को लेकर पूरी तरह मुस्तैद है। पिछले सुनवाई और सबूतों के आधार पर भारत का पक्ष काफी मजबूत नजर आ रहा है।

18 मई को फांसी पर लगी रोक
भारत सरकार ने पिछले साल आठ मई को आईसीजे का रूख किया था और पाकिस्तानी कोर्ट द्वारा सुनाए गए सजा-ए-मौत का चुनौती दी थी। भारत ने अदालत से यह भी अपील किया था कि जबतक द हेग में यह कानूनी लड़ाई समाप्त नहीं होती, अदालत आपात उपायों को अपनाकर जाधव की फांसी की सजा को स्थगित करवाए। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने लंबी बहस के बाद आईसीजे ने 18 मई को भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए इस्लामाबाद को मामले की सुनवाई पूरी होने तक जाधव की फांसी की सजा को स्थगित करने का निर्देश दिया था।
पाक ने जाधव को ईरान से अगवा किया
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी के मामले में मौत की सजा सुनाई है और भारत, पाकिस्तान के इस फैसले का अंतराष्ट्रीय न्यायालय में विरोध कर रहा है। भारत ने जाधव को दूतावास संबंधी सहायता नहीं देने का आरोप लगाते हुए इसे मानवधिकार कानून का उल्लंघन बताया है। भारत का कहना है कि जाधव को नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद ईरान के पास उसके व्यवसायिक कार्य के दौरान अगवा किया गया था।

पाकिस्तान जारी करता रहा फर्जी वीडियो
वहीं पाकिस्तान का कहना है कि जाधव को मार्च 2016 में बलूचिस्तान इलाके से खुफिया छापों के दौरान पकड़ा गया था। पाकिस्तान ने इस संबंध में एक एडिटेड वीडियो भी जारी किया था जिसमें जाधव को यह कबूल करते दिखाया गया है कि वह भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करता था।

22 महीने बाद पत्नी और मां से मिले जाधव
इसी बीच 25 दिसंबर,2017 को कुलभूषण जाधव की मां एवं पत्नी ने पाकिस्तानी विदेश कार्यालय में उनसे मुलाकात की। हालांकि, जाधव व उनकी मां-पत्नी के बीच ग्लास पैनल लगे हुए थे और उन्होंने इंटरकॉम के जरिए बातचीत ती। पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने जाधव व उनके परिजनों के बीच 22 माह के बाद हुई इस मुलाकात की तस्वीर जारी की थी। विदेश कार्यालय के मुताबिक, बैठक 2 बजकर 18 मिनट पर शुरु हुई। जाधव के परिवार के साथ विदेश कार्यालय गए भारतीय उप उच्चायुक्त जे.पी.सिंह दूर से बातचीत के गवाह बने। इस दौरान पाकिस्तान ने जाधव की मां और पत्नी के मंगलसूत्र, चूड़ियां, और बिदी तक उतारा दिए थे और उन्हें मराठी भाषा में बात नहीं करने दिया गया। भारत सरकरा ने पाकिस्तान की इस हरकत का खुलकर विरोध किया था।