
चेन्नई. तमिलनाडु के एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई का अंदाज थोड़ा अलग है। यहां कक्षा पांच के बच्चे गणित की कक्षा में योग करते दिखें तो चौंकिएगा मत। गणित के शिक्षक भी ज्यामिति पढ़ाते समय योगासन की तस्वीर बनाते दिखें तो नाराज होने की भी जरूरत नहीं। दरअसल यहां बच्चों को त्रिकोण समझाने के लिए त्रिकोणासन कराया जाता है। इसी तरह हेल्दी खाने के फायदे सांप-सीढ़ी खेल से बताते हैं। जंक फूड आया तो सांप काटेगा और आप खेल में पीछे चले जाएंगे।
मल्टीपल इंटेलीजेंस : त्रिकोणासन से पढ़ाते हैं ज्यामिति
हार्वर्ड ग्रैजुएट स्कूल के हावर्ड गार्नर का सिद्धांत है मल्टीपल इंटेलीजेंस। गार्नर वर्तमान आईक्यू जांच करने का तरीका गलत मानते हैं। उनका कहना है कि दरअसल आईक्यू टेस्ट से मनुष्य की बुद्धि नहीं माप सकते। उनके अनुसार वास्तविकता में आठ तरीके के इंटेलीजेंस या बुद्धि हैं।
म्यूजिकल रिदमिक
विजुअल स्पेशियल
लॉजिकल मैथेमेटिकल
इंटरपर्सनल
बॉडिली काइनेस्थिटिक
नैचुरलस्टिक
वर्बल लिंग्विस्टिक
प्रयास...
थिरुवल्लूवर के स्कूल में श्रद्धा नामक संस्था की सहायता से मल्टीपल इंटेलीजेंस के सिद्धांत पर पढ़ाई कराई जा रही है। माता-पिता इसके नतीजों से काफी उत्साहित हैं।
हर क्लास है खास
इस विधि में एक क्लास में डांस, सॉन्ग, नेचर वॉक, एक्टिविटीज, गेम्स, प्रोजेक्ट्स व गु्रप डिस्कशन की पूरी श्रृंखला बनी होती है।
ये दिखे फायदे...
इस प्रोजेक्ट से जुड़े शिक्षक भी इसके फायदे को देखकर काफी उत्साहित हैं। विज्ञान की शिक्षक पी पुगुझली ने इसके फायदे गिनाए -
जो बच्चे क्लास में आने से भागते थे या बेमन से क्लास में बैठते थे वे बच्चे भी खुद से खुशी-खुशी आने लगे क्लास में।
जटिल सवालों को बच्चों को सिर्फ शब्दों से समझाना कठिन था। अब इसके लिए शिक्षकों के पास कई विकल्प।
स्कूल में बच्चों की अनुपस्थिति काफी कम गई है। पहले शिक्षकों को डर था कि नए तरीके से बच्चों को सवाल और उनके जवाब समझाने में अधिक समय लगेगा। लेकिन हुआ इसका उल्टा। बच्चे तेजी से समझ रहे हैं ऐसे।
Published on:
13 Nov 2017 12:23 am
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