
नई दिल्ली।
12वीं कक्षा की एनसीईआरटी की इतिहास की किताब में मुगलों का महिमामंडन किया गया है। इसको लेकर हंगामा शुरू हो गया है। राजस्थान के एक शख्स दपिंदर सिंह ने इस बात से नाराज होकर एनसीईआरटी को लीगल नोटिस भेज दिया है।
राजस्थान के रहने वाले दपिंदर सिंह ने एनसीईआरटी को जो लीगल नोटिस भेजा है, उसमें 12वीं कक्षा की इतिहास की किताब में लिखी गई कई भ्रामक जानकारियों को हटाने की मांग की गई है। इससे पहले, इस संबंध में दपिंदर सिंह ने एनसीईआरटी से सूचना का अधिकार के तहत कुछ सवालों के जवाब भी मांगे थे, लेकिन एनसीईआरटी की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।
किताब में क्या लिखा है
दपिंदर के अनुसार, एनसीईआरटी की 12वीं की इतिहास की किताब थीम्स इन इंडियन हिस्ट्री पार्ट-2 के पेज संख्या 234 पर लिखा है कि- मुगल बादशाहों ने युद्ध के दौरान हिंदू मंदिरों को ढहा दिया था। युद्ध खत्म होने के बाद शाहजहां और औरंगजेब जैसे मुगल बादशाहों ने ढहाए गए मंदिरों को फिर से बनाने के लिए ग्रांट जारी की।
आरटीआई में मांगा था जवाब
दपिंदर सिंह ने एनसीईआरटी से इन तथ्यों की पुष्टि के लिए सूचना का अधिकार यानी आरटीआई के तहत जवाब मांगा था, लेकिन इसके जवाब में हेड ऑफ डिपार्टमेंट प्रोफेसर गौरी श्रीवास्तव और पब्लिक इनफरमेशन डिपार्टमेंट ने फाइलों में इससे संबंधित कोई भी सूचना नहीं होने का जवाब भेज दिया। इसके बाद दपिंदर सिंह और संजीव विकल ने दिल्ली हाईकोर्ट के वकील कनक चौधरी की मदद से एनसीईआरटी को लीगल नोटिस भेजकर किताब से यह भ्रामक तथ्य हटाने की मांग की है।
महिमामंडन के लिए किताब में यह पैराग्रॉफ जोड़ा गया!
दपिदर के अनुसार, ऐसा लग रहा है कि बिना किसी आधार पर मुगल शासकों के महिमामंडन के लिए किताब में यह पैराग्रॉफ जोड़ा गया है। इतिहास में वही बातें लिखी जाती हैं, जिनके तथ्य रिकॉर्ड में हों। वहीं, संजीव ने कहा कि छात्रों को कल्पना के आधार पर पढ़ाया जा रहा है। नई पीढ़ी को गलत दिशा में धकेलने में की कोशिश हो रही है और इसके परिणाम घातक हो सकते हैं।
Updated on:
05 Mar 2021 10:19 am
Published on:
05 Mar 2021 09:57 am
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