
Vice President M Venkaiah Naidu
नई दिल्ली। आजाद भारत के 13वें उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू का जन्म एक जुलाई 1949 को तत्कालीन मद्रास स्टेट के नैल्लोर जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा जिला परिषद हाई स्कूल बुच्चीरेड्डी पालेम से पूरी की, इसके बाद नेल्लोर के वी. आर. कॉलेज से उन्होंने पॉलिटिक्स तथा डिप्लोमेटिक स्टडीज से ग्रेजुएशन की थी।
कॉलेज के दिनों में ही वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा एबीवीपी से जुड़ गए थे। उन्हीं दिनों उनका राजनीति की ओर रूझान हुआ तथा वह आंध्रप्रदेश विश्वविद्यालय की छात्र यूनियन के अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद उन्होंने जय आन्ध्रा आंदोलन में भी सक्रिय रूप से भाग लिया।
वर्ष 1974 में उन्होंने जयप्रकाश नारायण के साथ एंटी-करेप्शन आंदोलन में भाग लिया तथा छात्र संघर्ष समिति के कन्वेनर भी बनाए गए। देश में आपातकाल के समय उन्हें जेल में भी रहना पड़ा था।
आपातकाल के बाद जेल से रिहा हुए वैंकेया नायडु ने किसानों की समस्या को उठाना शुरू किया और जल्दी ही राज्य की राजनीति में अपनी पकड़ बना ली। वह 1978 में आंध्रप्रदेश के उदयगिरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए और देखते ही देखते वह दक्षिणपंथी पार्टी के एक प्रमुख नेता के रूप में उभरे। अपनी बोलने की कला और भाषा पर पकड़ के चलते जल्दी ही उनकी पहचान एक प्रभावशाली वक्ता के रूप में बन गई, जिसने उन्हें राजनीति में आगे बढ़ने में सहायता की।
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देश की राजनीति में वैंकेया नायडू का कॅरियर सही मायनों में वर्ष 1999 में शुरू हुआ जब वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में यूनियन केबिनेट मिनिस्टर बनाए गए। उस वक्त उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिए देश के अधिकतम गांवों में सड़क बनाने की महत्वाकांक्षी परियोजना को साकार रूप दिया।
वर्ष 2002 में वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए। वर्ष 2014 में चुनी गई मोदी सरकार में उन्हें मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। उन्होंने स्वर्ण भारत ट्रस्ट के माध्यम से अपने गृह जिले नेल्लोर में गरीब अनाथ तथा दिव्यांग बच्चों की सहायतार्थ कार्य किया। वर्ष 2016 में वैंकेया नायडू राज्यसभा के सांसद बनाए गए तथा वर्ष 2017 में उन्होंने भारत के 13वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
Published on:
01 Jul 2021 09:19 am
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