27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भावुक हुए पीएम मोदी, कहा- जम्मू कश्मीर में आतंक के खिलाफ लड़ने वालों को याद करने का दिन

पीएम मोदी ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का उद्धाटन किया।

2 min read
Google source verification
PM modi

शहीद पुलिसकर्मियों को याद करते हुए भावुक हुए पीएम मोदी, कहा- जम्मू कश्मीर में आतंक के खिलाफ लड़ने वालों को याद करने का दिन

नई दिल्ली। आज पुलिस स्मृति दिवस है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चाणक्यपुरी स्थित नेशनल पुलिस मेमोरियल और म्‍यूजियम का उद्घाटन किया। स्मारक को पीएम मोदी ने देश को समर्पित किया। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के वरिष्‍ठ नेता एलके अडवाणी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री, उपस्थित अतिथियों और पुलिस के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। पुलिस स्मृति दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर एक पुरस्‍कार का ऐलान भी किया। यह पुरस्‍कार नेता जी की जयंती 23 जनवरी को प्रदान किया जाएगा।

भावुक हुए पीएम मोदी

नेशनल पुलिस मेमोरियल और म्‍यूजियम के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित भी किया। इस दौरान पीएम मोदी शहीद पुलिसकर्मियों को याद करते हुए भावुक हो गए। पीएम मोदी नेे अपने संबोधन में कि यह स्‍मारक देश के पुलिसकर्मियों की वीरता और शौर्य का प्रतीक है। शहीदों की शहादत को सलाम करते हुए पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्मारक देश को समर्पित किया।

पीएम मोदी ने कहा स्मारक से नई पीढ़ी को ज्ञान मिले। पुलिसकर्मियों की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नक्सली हिंसा पर काबू पाने में पुलिस का अहम योगदान है। साथ ही उन्होंने कहा, "पुलिस सुधार की तरफ सरकार का ध्यान है।" वहीं, पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंक के खिलाफ लड़ने वालों को याद करने का दिन है यह।

पुलिस स्मृति दिवस

कर्तव्य पालन के दौरान शहीद होने वाले पुलिस के जवानों की याद में पुलिस बलों द्वारा हर वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। इसे देखते हुए ही 21 अक्टूबर को राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का शुभारंभ किया गया। स्मारक का निर्माण नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन द्वारा किया गया है। राष्ट्रीय पुलिस स्मारक के मध्य में स्थापित शिलाखंड का वजन 250 टन है। प्रसिद्ध मूर्तिकार अद्वैत गडनायक के नेतृत्व में 30 कलाकारों ने पत्थर को तराशकर कलाकृति का रूप दिया है।