
Kerala planning on migrant issue
तिरुवनंतपुरम। देश भर में आज यानी सोमवार से लागू लॉकडाउन 3.0 ( lockdown ) को लेकर गृह मंत्रालय ( MHA )
ने प्रवासी मजदूरों ( migrant labourers ) समेत कुछ अन्य के लिए राज्यों के आग्रह पर उन्हें वापस भेजने का आदेश दिया है। हालांकि इस दौरान केरल ( Kerala ) सरकार ने सभी मजदूरों के राज्य छोड़ने की स्थिति का पहले ही आंकलन करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
दरअसल, प्रवासी कामगारों के पूरी तरह वापस चले जाने के मामले में केरल सरकार ने संभावना जताई है कि इससे राज्य में श्रम बल की तेजी से कमी हो सकती है। प्रदेश पर मंडराते इस खतरे को भांपते हुए केरल सरकार ने रविवार को प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि केवल उन श्रमिकों को ही वापस भेजा जाना चाहिए, जो घर लौटने के लिए अड़े हैं।
बीते शुक्रवार से भारतीय रेलवे ने केरल में फंसे प्रवासी कामगारों के लिए 11 नॉन-स्टॉप श्रमिक ट्रेनों का संचालन किया है। इन ट्रेनों से बिहार, ओडिशा और झारखंड के लगभग 12,000 प्रवासी श्रमिकों को ले जाया गया है।
लॉकडाउन के बाद केरल में करीब 3.39 लाख प्रवासी श्रमिक डेरा डाले हुए थे। इनमें से एक बड़े हिस्से की देखभाल उनके नियोक्ताओं या आवास किराये पर देने वाले लोगों द्वारा की गई थी।
केरल के मुख्य सचिव टॉम जोस ने रविवार को विभिन्न जिला कलेक्टरों को एक निर्देश जारी किया कि प्रवासी श्रमिकों को जाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। जो मजदूर केरल में रहना चाहते हैं, उन्हें आवश्यक सहायता दी जाएगी।
यह निर्देश उन शिकायतों के बाद आया है, जिनमें कहा गया था कि यहां तक कि जो मजदूर वापस लौटने के लिए उत्सुक नहीं थे, उन पर भी राज्य छोड़ने के लिए दबाव बनाया गया था। उन्होंने कहा कि निर्माण खंड सहित श्रम क्षेत्र, लॉकडाउन के बाद चालू हो जाएगा।
Updated on:
04 May 2020 03:47 pm
Published on:
04 May 2020 03:37 pm
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