
Crucial meeting of Home Ministry on Wednesday, important decisions related to Coronavirus possible
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से बचाव के लिए देशभर में बीते 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी प्रवासी मजदूरों और अन्य प्रदेशों में फंसे लोगों को उठानी पड़ी थी। हालांकि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 3.0 में तमाम देशभर में फंसे मजदूरों-छात्रों-तीर्थयात्रियों आदि के लिए अन्य राज्यों में आवाजाही के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। राज्य सरकारें अपने प्रदेशों के लोगों को दूसरे राज्यों से वापस बुलाने के लिए बस-ट्रेन का इंतजाम कर सकती हैं।
इस संबंध में जारी गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक विभिन्न प्रदेशों से उन लोगों को आने-जाने की छूट दी गई है, जो वहां फंसे हैं। इनमें प्रवासी कामगार, तीर्थयात्री, छात्र और पर्यटक शामिल हैं। हालांकि इस अनुमति के दायरे में वे लोग कतई नहीं आते हैं जो अपने घरों में सामान्य रूप से रह रहे हैं। इसके अलावा घरों से दफ्तर जाने-आने की अनुमति भी इस दायरे से अलग है।
मंत्राललय के मुताबिक ऐसे राज्यों में बसों या ट्रेेनों के जरिये फंसे हुए लोगों को लाने-ले जाने की इजाजत दी गई है। इस दौरान बस-ट्रेन के जरिये केवल वही व्यक्ति यात्रा के योग्य है जो लॉकडाउन की अवधि से पहले अपने स्थान से चल चुके थे, लेकिन प्रतिबंध लागू होने के बाद वापस अपने घरों को नहीं लौट सके। अब प्रदेशों के दिशा-निर्देशों पर ऐसे व्यक्ति अपने गंतव्य तक का सफर कर चुके हैं।
मंत्रालय ने स्थिति समझाते हुए कहा कि कुछ ऐसे समाचार भी देखने को मिले, जिनमें बताया गया कि दूर-दराज के इलाकों में फंसे लोग अपने घर नहीं लौट सकते। इसकी वजह यह थी कि लॉकडाउन के कारण लागू प्रतिबंधों के साथ ही परिवहन के साधन उपलब्ध नहीं थे और वो लोग जा नहीं सकते थे। हालांकि अब सरकार के इस फैसले से इन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
गृह मंत्रालय के इस आदेश से उन लोगों को भी राहत मिलेगी जिन्हें दूसरे प्रदेशों में घुसते ही पुलिस ने पकड़ कर आइसोलेशन सेंटर में डाल दिया था। तमाम राज्यों में ऐसे लोगों की अच्छी संख्या है।
Updated on:
04 May 2020 10:56 am
Published on:
04 May 2020 10:50 am
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