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भारत ने 60 हजार विदेशियों को वापस भिजवाया, एक अमरीकी नागरिक जाने को तैयार नहीं

विदेश मंत्रालय ने बताया Lockdown में 72 देशों के नागरिक भेजे गए। विदेशों में फंसे भारतीयों ( Indian stranded in foreign ) को लाने पर भी काम जारी। कोच्चि में फंसा एक अमरीकी ( US National ), भारत को मान रहा ज्यादा सुरक्षित।

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Foreigners Evacuation

Foreigners Evacuation

नई दिल्ली। अतिथि देवो भवः को मानने वाले भारत ने कोरोना वायरस लॉकडाउन ( Lockdown ) के दौरान देश में फंसे विदेशी नागरिकों का भी पूरा ख्याल रखा। विदेश मंत्रालय ( MEA ) के मुताबिक इस दौरान 72 देशों के तकरीबन 60 हजार विदेशी नागरिकों को भारत से वापस भेजा गया। वहीं, कोच्चि में फंसा एक अमरीकी नागरिक ( US National ) भारत में खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहा है और वापस नहीं जाना चाहता।

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विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को बताया कि विदेश में फंसे भारतीयों को बाहर निकालने का मुद्दा भी चर्चा में है और सभी इंडियन मिशन, प्रवासी समुदाय को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। भारतीय मिशन फंसे हुए भारतीयों को सहायता प्रदान करने के लिए असाधारण प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने आगे बताया कि यह भी पता चला है कि सरकार राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन खत्म होने के बाद खाड़ी और अन्य मुल्कों में फंसे हजारों भारतीयों को निकालने के लिए नौसैनिक जहाजों के साथ-साथ सैन्य और वाणिज्यिक विमान तैनात करने की एक बड़ी योजना पर काम कर रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने 20 से अधिक देशों को सहायता के रूप में 28 लाख हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) टैबलेट और 19 लाख पेरासिटामोल टैबलेट प्रदान की हैं। इसके अलावा भारत ने वाणिज्यिक आधार पर बड़ी संख्या में तमाम देशों को एचसीक्यू और पेरासिटामोल टैबलेट प्रदान किए।

अमरीकी नागरिक बोलाः भारत सुरक्षित है, कुछ दिन और रहना चाहता हूं

अमरीकी नागरिक और थिएटर एक्टिविस्ट टेरी जॉन कॉन्वर्स (74) लॉकडाउन के समय से कोच्चि में फंसे हुए हैं। लेकिन उनके पास केरल हाईकोर्ट का एक ऑर्डर है, जो उन्हें 17 मई तक भारत में रहने की अनुमति देता है। उनकी इच्छा अब यहां और छह महीने तक रहने की है। यह दूसरी बार है, जब उनकी वीजा की अवधि को बढ़ाया गया है। पहली बार इसे 27 मार्च से 25 अप्रैल तक बढ़ाया गया था, क्योंकि 24 मार्च को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को जारी किया गया था।

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कोर्ट अब उनके प्रवास को बढ़ाने के आवेदन पर 17 मई को सुनवाई करेगा और यदि लॉकडाउन आगे जारी रहता है, तो उन्हें स्वत: ही प्रवास विस्तार की अनुमति मिल जाएगी। टेरी जॉन का कहना है कि वह अमरीका के मुकाबले भारत में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि महामारी का कहर वहां ज्यादा है।


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