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Lockdown: गरीबों तक आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए ‘ओडिशा मॉडल’ बेहतर विकल्प, जानें कैसे

-ओडिशा मॉडल ( Odisha Model ) के माध्यम से सोशल डिस्टेंसिंग ( Social Distancing ) को भी बरकरार रखा जा सकता और गरीबों तक सहायता भी पहुंचाई जा सकती है।-हाल में प्रधानमंत्री जन धन अकाउंट ( Prime Minister Jan Dhan Account ) में भेजे गए 500 रुपये को लेने के लिए बैंकों के बाहर महिलाओं की लंबी कतार देखने को मिली थीं।-कोरोना वायरस ( COVID-19 ) और लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार गरीब, असहाय लोगों पर पड़ी है।

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नई दिल्ली।
देश में कोरोना वायरस ( coronavirus ) के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस पर काबू पाने के लिए 14 अप्रैल तक लॉकडाउन ( Lockdown ) लागू है। सरकार इसकी अवधि दो हफ्ते तक और बढ़ा सकती है। कोरोना ( COVID-19 ) और लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार गरीब, असहाय लोगों पर पड़ी है। हालांकि, गरीब लोगों तक आर्थिक मदद पहुंचाई जा रही है।

हाल में प्रधानमंत्री जन धन अकाउंट ( Prime Minister Jan Dhan Account ) में भेजे गए 500 रुपये को लेने के लिए बैंकों के बाहर महिलाओं की लंबी कतार देखने को मिली थीं। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग ( Social Distancing ) और लॉकडाउन की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई। ऐसे में सरकार के सामने बड़ी समस्या खड़ी है कि आखिर कैसे सोशल डिस्टेंसिंग बनाते हुए लोगों तक आर्थिक सहायता पहुंचाई जाए। हालांकि, इस समस्या का निवारण ओडिशा मॉडल ( Odisha Model ) कर सकता है।

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क्या है ओडिशा मॉडल ?
इस समय सोशल डिस्टेंसिंग सबसे जरूरी है। ओडिशा मॉडल के माध्यम से सोशल डिस्टेंसिंग को भी बरकरार रखा जा सकता और गरीबों तक सहायता भी पहुंचाई जा सकती है। दरअसल, केंद्र के दबाव के बावजूद ओडिशा ने पेंशन वितरण के लिए डीबीटी की जगह कैश इन हैंड का तरीका बरकरार रखा है। यहां हर महीने की 15 तारीख को ग्राम पंचायत के दफ्तर के बाहर खुले में डेस्क लगाकर लोगों को पेंशन वितरण की जाती है।

इस दौरान लिस्ट के अनुसार नाम पुकार कर बुजुर्गों, विधवाओं और महिलाओं या दिव्यांगों को एक-एक कर बुलाया जाता है और पेंशन उनके हाथों में थमा दी जाती है। इसके बदले उनसे रजिस्टर पर अंगूठा लगवा लेता है। लोगों की मौजूदगी में होने के कारण भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी नहीं रहती है। ऐसे में सरकार ओडिशा मॉडल को अपना सकती है। ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के दौरान भीड़ को नियंत्रित रखा जा सकें।