श्रद्धालुओं के लिए खुलने जा रहे हैं मां वैष्णो देवी के द्वार, जानिए किस तारीख से कर सकेंगे यात्रा, क्या है नियम
Highlights
- कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के चलते 5 महीने से बंद माता के दरबार अब 16 अगस्त यानी रविवार से खुल जाएंगे
- वहीं श्रद्धालु फिर से मां वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi) के दर्शन कर सकेंगे
- यह यात्रा कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के सख्त नियमों के साथ शुरू होगी

नई दिल्ली. माता वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi) की यात्रा करने की इच्छा रखने वाले श्रद्धालुओं (Devotees) के लिए अच्छी खबर है । कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के चलते 5 महीने से बंद माता के दरबार अब 16 अगस्त यानी रविवार से खुल जाएंगे । वहीं श्रद्धालु फिर से मां वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi) के दर्शन कर सकेंगे । यह यात्रा कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के सख्त नियमों के साथ शुरू होगी। यात्रियों को सभी नियमों (Mata Vaishno Devi Yatra Rule) का पालन करना होगा ।
जानकारी हो कि कोरोना वायरस के मद्देनजर माता वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi) तीर्थ यात्रा को 18 मार्च को निलंबित कर दिया गया था । श्राइन बोर्ड (Shrine board) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार (Ramesh Kumar) ने कहा कि तीर्थ यात्रा के फिर से शुरू होने के पहले सप्ताह में प्रतिदिन 2,000 तीर्थ यात्रियों की यात्रा होगी, जिसमें जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के भीतर 1900 और बाहर से शेष 100 शामिल हैं ।
जम्मू-कश्मीर राज्य प्रशासन ने गत मंगलवार को राज्य के धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति देने के साथ स्पष्ट और सख्त दिशा निर्देश जारी किए थे । राज्य प्रशासन की हरी झंडी मिलने के बाद श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (Mata Vaishno Devi Shrine Board) ने 16 अगस्त से वैष्णो देवी यात्रा (Mata Vaishno Devi Yatra) शुरू करने का निर्णय लिया है।
जानिए, क्या है नियम
- प्रथम चरण में केवल 2000 श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन कर सकेंगे।
- इनमें से 1900 जम्मू कश्मीर के, जबकि 100 अन्य राज्यों के श्रद्धालु होंगे।
- अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 टेस्ट अनिवार्य होगा।
- 10 साल से छोटे या फिर 60 साल से ऊपर के लोगों के साथ ही गर्भवती महिलाओं को प्रथम चरण में यात्रा करने की इजाजत नहीं होगी।
- हर श्रद्धालु को मास्क या फिर फेस शिल्ड पहनना अनिवार्य होगा और शारीरिक दूरी का भी ध्यान रखना होगा।
- प्रथम चरण में दर्शन के लिए वैष्णो देवी भवन की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं को केवल पारंपरिक मार्ग से ही जाना होगा और दर्शन के बाद वापस नए ताराकोट मार्ग से आना होगा।
- यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं का केवल ऑनलाइन पंजीकरण होगा।
- इच्छुक श्रद्धालुओं को यात्रा पंजीकरण केंद्र से तत्काल यात्रा पर्ची उपलब्ध नहीं होगी।
- यात्रा करने वाले सभी श्रद्धालुओं के मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप का होना अनिवार्य है।
फिर शुरू होगा लंगर
इसके साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मां वैष्णो देवी के नए ताराकोट मार्ग के साथ ही सांझी छत मार्ग पर स्थापित निशुल्क लंगर फिर शुरू किए जाएंगे।
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