
एक बार फिर फ्लोर टेस्ट में नहीं आएगी कमलनाथ सरकार, सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामा थमने का नाम नहीं ले रहा। कमलनाथ सरकार पर बहुमत साबित करने का संकट खड़ा हुआ है, लेकिन वह फ्लोर टेस्ट के लिए राजी होती नजर नहीं आ रही है। राज्यपाल लालजी टंडन ने एक बार फिर सरकार को फ्लोर टेस्ट पर आने का संदेशा भेजा है, लेकिन इस बात की उम्मीद न के बराबर है कि सरकार विधानसभा के भीतर बहुमत साबित करने के लिए सामने आएगी। दो दिन के भीतर यह दूसरा मौका है, जब राज्यपाल ने बहुमत साबित करने को कहा है, राज्यपाल ने सरकार को 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं। लेकिन सरकार ने इस पर कोई भी सकारात्मक रुख नहीं दिखाया है।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
हालांकि राज्यपाल ने अपनी चिट्ठी में सरकार को जमकर फटकार भी लगाई है। इधर भोपाल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक जारी है। वहीं मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अर्जी पर सुनवाई होनी है। जिसमें उन्होंने सरकार से बहुमत साबित करने की मांग की है।
अभी तक सिर्फ 6 विधायकों का इस्तीफा मंजूर
दरअसल, मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। अब तक सिर्फ छह विधायकों के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने स्वीकार किए हैं। बाकी के 16 विधायकों के इस्तीफों को लेकर उन्होंने अभी तक अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, जबकि विधायक दो बार पत्र लिखकर अपना इस्तीफा स्वीकार किए जाने की मांग कर चुके हैं।
26 मार्च तक विधानसभा स्थगित
इसी घटनाक्रम के तहत रविवार देर रात राज्यपाल ने विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सरकार को बहुमत साबित करने को कहा था। हालांकि उसके जवाब में मुख्यमंत्री ने तल्ख चिट्ठी राजभवन भेजी थी। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया। मालूम हो कि 26 मार्च को मध्यप्रदेश विधानसभा में राज्यसभा चुनावों के लिए वोटिंग होनी है।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को आज बहुमत साबित करने का समय दिया था। लेकिन विधानसभा स्थगित होने से ऐसा नहीं हुआ और उसके बाद भाजपा विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव के नेतृत्व में राजभवन में परेड की और 106 विधायकों की सूची सौंपी। इस बीच में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसमें सरकार से बहुमत साबित करने की मांग की गई है। इस पर सुनवाई को मंगलवार को होनी है।
सरकार पर भड़के राज्यपाल
राज्यपाल ने दोबारा मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट कराने और बहुतम साबित करने का आदेश दिया। लेकिन सरकार इस पर तैयार नहीं हुई। राज्यपाल टंडन ने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा कि मुझे विश्वास हो गया है कि आपकी सरकार ने सदन में विश्वास खो दिया है सरकार अल्पमत में है, यह स्थिति गंभीर है। अगर सरकार बहुमत साबित करने में असफल होती है तो लोकतंत्र को बचाने के लिए कदम उठाना पड़ेगा ।
इधर शिवराज सिंह चौहान अपने 106 विधायकों को लेकर राजभवन पहुंच गए। और राज्यपाल के सामने सभी विधायकों की परेड कराई। जिसपर राज्यपाल ने विधायकों से सवाल किया कि क्या आप यहां अपनी मर्जी से आए हैं? या फिर किसी के दबाव में । इस पर विधायकों ने कहा कि हम यहां अपनी स्वेच्छा से आए हैं किसी का दबाव नहीं है। जिसके बाद राज्यपाल ने कहा- अब लोकतंत्र बचाने की जिम्मेदारी मेरी है।
कांग्रेस ने राज्यपाल को कहा भाजपा का एजेंट
बता दें कि राज्यपाल के रूख को देखते हुए कांग्रेस ने उनपर तीखा हमला बोला। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने तो राज्यपाल को भाजपा का एजेंट तक बता दिया।
विधायक फिर मनेसर भेजे गए
इधर भाजपा के सभी विधायकों को भोपाल से मानेसर लाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि भाजपा के 106 विधायकों को मानेसर के एक रिसॉट में रखने की व्यवस्था की गई है। सभी विधायक रविवार रात यहीं से भोपाल पहुंचे थे।
नरेंद्र सिंह के घर पर बैठकों का दौर जारी
इधर मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनाने को लेकर पूरी तरह तैयार दिख रही है। केंद्रीय मंत्री और मुरैना से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर लगातार बैठकों का दौर जारी है।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक
कांग्रेस विधायक दल की बैठक चल रही है। इसमें विपक्ष द्वारा सरकार को घेरे जाने के खिलाफ रणनीति तैयार करने पर चर्चा हो रही है।
Updated on:
17 Mar 2020 07:38 am
Published on:
16 Mar 2020 08:18 pm
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