
परम बीर सिंह ने खुद को बचाने के लिए मुझे बदनाम करने की साजिश रची।
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जारी सियासी हलचल के बीच गृह मंत्री अनिल देशमुख ( Anil Deshmukh ) ने परम बीर सिंह के आरोपों को लेकर एक और बयान जारी किया है। ताजा बयान में उन्होंने कहा है कि यह मुझे और महाविकास गठबंधन ( MVA ) सरकार को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने कहा है कि सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद से अभी तक चुप क्यों बैठे थे? मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने उसी समय अपना मुंह क्यों नहीं खोला?
व्हाट्सऐप चैट साजिश का हिस्सा
गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि परम बीर सिंह ने यह महसूस हो गया था कि 17 मार्च को पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया जाएगा। इससे एक दिन पहले यानि 16 मार्च को उन्होंने एसीपी को फोन किया। पाटिल से व्हाट्सऐप चैट से कुछ सवाल पूछे। संयोग से उन्हें पाटिल से वही जवाब मिला जो वो चाहते थे। यह परमबीर सिंह की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था। इस चैट के जरिए परमबीर सिंह ने सबूत हासिल किए।
मानहानि का मुकदमा दायर करूंगा
अनिल देशमुख ने बताया कि 18 मार्च को मैंने लोकमत कार्यक्रम के दौरान बताया था कि कुछ गंभीर आरोपों के कारण परमबीर सिंह को पद से हटा दिया गया। इसके बाद परमबीर सिंह ने खुद को बचाने के लिए 19 मार्च को फिर से व्हाट्सऐप पर हुई बातचीत के साक्ष्य बनाने की कोशिश की। उनकी इन गतिविधियों से साफ है कि परमबीर सिंह के आरोप पूरी तरह से झूठे हैं। मैं उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करूंगा।
Updated on:
20 Mar 2021 11:24 pm
Published on:
20 Mar 2021 11:20 pm
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