24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

महाराष्ट्र: वैज्ञानिकों ने विकसित की खास तकनीक, अब ‘स्टेम सेल’ से खत्म होगा कोरोना

महाराष्ट्र के विज्ञानी डॉ. प्रदीप वी महाजन ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 'स्टेम सेल' आधारित अनूठा तरीका विकसित किया है, जिससे कोरोना वायरस संक्रमण को आसानी से मारा जा सकता है।

2 min read
Google source verification
stem_cell_therapy.jpg

Maharashtra scientist's 'stem-cell' remedy kills Covid naturally

मुंबई। कोरोना महामारी के प्रकोप से जूझ रही दुनिया को जल्द से जल्द इस संकट से छुटकारा पाने का इंतजार है। इस संकट से निपटने के लिए ही तमाम तरह की कोशिशें की जा रही है। दुनियाभर में तेजी के साथ टीकाकरण भी किया जा रहा है। इन सबके बीच कोरोना के खिलाफ लड़ाई में महाराष्ट्र से उम्मीद की एक नई किरण दिखी है।

दरअसल, महाराष्ट्र के वैज्ञानिक ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जो कोरोना संक्रमण को खत्म करने में कारगर है। यह तकनीक कोरोना वायरस को आसानी से मारने में सक्षम है। इस तकनीक को महाराष्ट्र के विज्ञानी डॉ. प्रदीप वी महाजन ने विकसित की है। डॉ. प्रदीप ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 'स्टेम सेल' आधारित अनूठा तरीका विकसित किया है, जिससे कोरोना वायरस संक्रमण को आसानी से मारा जा सकता है। इस तकनीक से इलाज के बाद मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत 65 से 75 फीसद तक कम हो जाती है।

यह भी पढ़ें :- भारतीय वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता, विकसित की शुरुआती कैंसर की पहचान करने वाली तकनीक

नवी मुंबई के यूरोलॉजिस्ट और रीजनरेटिव मेडिसिन रिसर्चर डॉ. प्रदीप ने कहा कि कोरोना वायरस फेफड़े को अपना निशाना बनाते हैं। ऐसे में किसी भी मरीज को अस्पताल या आइसीयू में अधिक वक्त बिताना पड़ता है। इलाज होने के बाद भी मरीज को लंबे समय तक ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। पर इस तकनीक से इलाज के बाद काफी सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

इस तरह से किया जाता है इलाज

डॉ. प्रदीप ने कहा कि वर्तमान में मौजूद तमाम तरह की दवाओं व इलाज के तरीकों में इसलिए अधिक सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं, क्योंकि इसमें वायरस को खत्म करने की कोशिश की जा रही है न कि वायरस को बढ़ने देने के लिए अनुकूल माहौल की। इसलिए वायरस अपनेआप में बदलाव करता रहता है और हम नए-नए इलाज ढूंढ रहे हैं।

यह भी पढ़ें :- स्टेम सेल का सफल प्रत्यारोपण, युवक को मिला जीवन दान

उन्होंने दावा किया है कि उनके इलाज की पद्धति बिलकुल सामान्य है। उसकी तकनीक में शरीर के उस माहौल को मजबूत बनाया जाता है, जिसमें वायरस बढ़ने की कोशिश करता है। इससे वायरस प्राकृतिक तौर पर मर जाता है। स्टेमआरएक्स बायोसाइंसेज सॉल्यूशंस के संस्थापक डॉ. प्रदीप ने बताया कि इस तकनीक में ब्लड बैंक या किसी रक्त दाता के खून से प्लेटलेट्स निकालकर एक पाउडर जैसी दवा तैयार की जाती है। इसे नेबुलाइजर या रोटाहेलर की मदद से सीधे फेफड़े तक पहुंचा दिया जाता है। फिलहाल, सीमित मात्रा में इसे तैयार करने की मशीन बनाई है।


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग