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किसानों से मिलने अचानक गाजीपुर बॉर्डर पहुंची महात्मा गांधी की पोती, मंच से बोली यह बात

कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है किसान सरकार से कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं

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किसानों से मिलने अचानक गाजीपुर बॉर्डर पहुंची महात्मा गांधी की पोती, मंच से बोली यह बात

किसानों से मिलने अचानक गाजीपुर बॉर्डर पहुंची महात्मा गांधी की पोती, मंच से बोली यह बात

नई दिल्ली। कृषि सुधार कानूनों ( New farm Laws ) के खिलाफ किसानों का धरना प्रदर्शन ( farmer Protest ) जारी है। दिल्ली के प्रवेश मार्गों गाजीपुर, सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर डेरा डाले बैठे लाखों की संख्या में किसान सरकार से कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, बावजूद इसके समस्या का हल निकलता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने इसको लेकर कुछ नरमी के संकेत दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने कहा है कि सरकार किसानों के हर मुद्दे पर दिल खोलकर बातचीत करने को तैयार है और इसके लिए सरकार किसानों से केवल एक कॉल की दूरी पर है। किसान जब चाहे कृषि मंत्री को फोन करके बातचीत के लिए बुला सकते हैं।

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तारा गांधी भट्टाचार्य गाजीपुर बॉर्डर पहुंची

इस बीच शनिवार को महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी भट्टाचार्य गाजीपुर बॉर्डर पहुंची, उन्होंने किसान संगठनों के सभी नेताओं से मुलाकात भी की। इस दौरान किसान संगठनों के नेताओं ने उनका मंच पर स्वागत किया और आशीर्वाद लिया। मंच से तारा गांधी भट्टाचार्य ने किसानों को संबोधित भी किया और कहा कि मैं तो राकेश टिकैत और अन्य नेताओं से यहां मिलने आई हूं। दिल्ली से बॉर्डर तक आने में भले घण्टो लगे हो लेकिन मैं ये यात्रा कभी नहीं भूलूंगी। आज हम जिंदा है तो आप (किसानों) की वजह से, यदि किसानों का हित नहीं होगा तब तक हमारा हित नहीं होगा। आप सभी यहां आएं है आप महमान है, मैं सभी को प्रणाम करती हूं।

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सत्य की जीत हो, जो भी हो भला हो

उन्होंने कहा कि मैं न राजनीति समझती हूं, न कानून लेकिन आप मुझे अपना गांव का ही समझिए, आप सभी लोगों के लिए मैं प्रार्थना करती हूं कि सत्य की जीत हो, जो भी हो भला हो। उन्होंने किसान सगठनों के नेताओं की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आप सभी से भी कहूंगी की पर्यावरण को दूषित किया है, लेकिन मन को दूषित न करें, आप लोगों को हिंसा की जरूरत नहीं है। आपके काम मे ही सत्य है। मैं यहां आई और आप सभी लोगों को देखा मेरा जीवन सफल हो गया, मैं आपके साथ हूं, आपको नमन करती हूं। बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शरीक होने आई महिलाओं को भी तारा गांधी भट्टाचार्य ने नमन किया।

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राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन

दरअसल तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020; मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं ।