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Mahavir Jayanti 2021: 30 साल की उम्र में भगवान महावीर ने अपना राजपाट छोड़ा, 12 वर्ष कठोर तपस्या की

इस वर्ष महावीर जयंती 25 अप्रैल को मनाई जा रही है। भगवान महावीर को जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर के रूप में माना जाता है।

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Mahavir Jayanti 2021: इस वर्ष महावीर जयंती 25 अप्रैल को मनाई जा रही है। इस दिन को भगवान महावीर के जन्म उत्सव की तरह मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के 13वें दिन महावीर स्वामी का जन्म हुआ था। इनका जन्म बिहार के कुंडग्राम/कुंडलपुर के राज परिवार में हुआ था।

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मान्यता के अनुसार इन्हें जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर के रूप में माना जाता है। ये उन 24 लोगों में से हैं,जिन्होंने तपस्या से आत्मज्ञान की प्राप्ति की थी। तीर्थंकर उन लोगों को कहा जाता है जो इंद्रियों और भावनाओं पर पूरी तरह से नियंत्रण कर लेते हैं।

इस तरह मनाई जाती है महावीर जयंती

इस दिन देशभर के जैन मंदिरों में पूजापाठ की जाती है। इसके साथ ही शोभा यात्राएं भी निकालीं जाती हैं। इस दिन जैन समुदाय के लोग स्वामी महावीर के जन्म की खुशिया मनाते हैं। उन्होंने दुनिया को सत्य, अहिंसा के कई उपदेश दिए। इसके साथ जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत तय किए थे जो इस प्रकार हैं- अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) और ब्रह्मचर्य।

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जानें भगवान महावीर का जीवन

भगवान महावीर के बचपन का नाम वर्धमान था। इनकी माता का नाम महारानी त्रिशाला और पिता का नाम महावीर महाराज सिद्धार्थ था। महावीर स्वामी ने आत्मज्ञान को प्राप्त करने के लिए 30 वर्ष की उम्र में ही अपने महल के साथ राजपाट छोड़ दिया था। उन्होंने 12 वर्ष तक कठोर तपस्या की और दीक्षा ग्रहण की। तप के पश्चात ही भगवान महावीर को ज्ञान की प्राप्ति हुई और वो तीर्थंकर कहलाए।


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