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Corona से जंग जीतने के बाद शख्स ने बनवा दिया Covid Hospital, जानें क्या है वजह

Gujarat के Surat में रहने वाले शख्स ने Corona से जंगी जीतने के बाद उठाया बड़ा कदम शहर में ही बनवा दिया 85 बेड वाला Covid Hospital अपनी पोती हिबा के नाम पर रखा अस्पताल का नाम, प्रशासन ने मुआयना करने के बाद दी मंजूरी

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Dheeraj Sharma

Jul 22, 2020

Man make Covid Hospital after win fight from Corona

गुजरात के एक शख्स ने कोरोना से जंग जीतने के बाद बना डाला कोविड अस्पताल

नई दिल्ली। देशभर में तेजी से कोरोना वायरस ( coronavirus ) का खतरा बढ़ रहा है। अब तक देश में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 12 लाख के करीब पहुंच चुकी है, वहीं 28 हजार से ज्यादा लोग इस महामारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। लेकिन इस डराने वाले आंकड़ों के बीच राहत देने वाली भी कई खबरें सामने आ रही है। कई कोरोना योद्धा लगातार लोगों की जान बचाने के लिए दिन रात जुटे हुए हैं।

ऐसा ही एक मामले गुजरात ( Gujarat ) से सामने आया है। यहां कोरोना से ठीक होने वाले मरीज ने लोगों के लिए एक कोविड अस्पताल ( Covid Hospital ) बना डाला। दरअसल सूरत में एक शख्स लंबे वक्त तक अस्पताल में कोरोना से जंग लड़ता रहा। आखिरकार वह कोरोना से जंग जीतकर घर लौट आया।

लेकिन, अस्पताल में रहने के दौरान ही उसने तय कर लिया था कि कोरोना मरीजों के लिए उसे अपने दम पर एक अस्पताल बनाना है। हुआ भी ऐसा ही, इस शख्स ने 85 बेड वाला कोविड अस्पताल बना डाला।

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जहां एक तरफ कोरोना से परेशान हो रहे मरीज अस्पताल में बेड के अभाव में दम तोड़ रहे हैं वहीं गुजरात के सूरत का एक शख्स ऐसा भी है जिसने कोरोना से जंग जीतने के बाद कोविड अस्पताल ही बना डाला।

अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद उसने अपने दफ्तर को ही अस्पताल में बदल दिया है। अब स्थानीय प्रशासन से भी उसके अस्पताल को मंजूरी मिल चुकी है, जिसमें 85 बिस्तरों के साथ-साथ 15 ICU बेड की भी व्यवस्था की जा रही है।

गरीबों का होगा मुफ्त इलाज
सूरत के रहने वाले कादर शेख कुछ दिन पहले कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए थे। 63 वर्ष की उम्र में कोरोना होने की वजह से उनके स्वस्थ्य होने में भी समय लगा। इलाज के दौरान शेक ने देखा कि निजी अस्पतालों में लोगों को लाखों रुपए खर्च करना पड़ रहे हैं। तभी उन्होंने तय किया कि वे ठीक होने के बाद गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए कोविड अस्पताल बनाएंगे।

डिस्चार्ज होने के बाद उन्होंने अस्पताल के निर्माण पर काम करना शुरू कर दिया। अपने 30,000 वर्ग फीट के दफ्तर को कोरोना अस्पताल में बदल दिया।

जब अस्पताल बनकर तैयार हो गया तो उन्होंने सूरत नगर निगम के साथ मेडिकल स्टाफ और 15 बेड वाली आईसीयू की सुविधा वाले उपकरणों की सप्लाई के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

सूरत के अदाजान इलाके में बना अस्पताल
उनका यह अस्पताल सूरत के अदाजान इलाके में बना है। उनके नए कोविड अस्पताल के निरीक्षण के लिए सूरत के निगम आयुक्त बीएम पानी और निगम के उप स्वास्थ्य आयुक्त डॉक्टर आशीष नाइक पहुंचे थे। निरीक्षण के बाद उन्हें मंजूरी द गई।

पोती के नाम पर अस्पताल
कादर शेख ने अपने अस्पताल का नाम अपनी पोती के नाम पर हिबा अस्पताल रखा है। डॉक्टर आशीष नाइक के मुताबिक अगले कुछ दिनों में अस्पताल काम करने लगेगा, यहां न्यू सिविल हॉस्पिटल और एसएमआईएमईआर अस्पताल से मरीजों को रेफर किया जाएगा।'

शेख के मुताबिक अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सों के लिए भी अलग से स्पेस तैयार किया है। एक किचन और डायनिंग एरिया भी बनाया। कोशिश रहेगी कि मरीजों के भोजन भी यहीं उपलब्ध हो।