
स्कूलों को एक बार खोलकर फिर से उसे बंद करना और मुश्किल टास्क साबित होगा।
नई दिल्ली। देश की राजधानी में कोनोरा वायरस संकट ( Coronavirus Crisis ) गहराता जा रहा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ( Deputy CM Manish Sisodia ) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार की मुंबई और अन्य देशों में इसे नियंत्रित करने को लेकर उठाए कदमों पर नजर है।
बुधवार को डिप्टी सीएम ने एक बार फिर से दोहराया कि 31 जुलाई को कोरोना पॉजिटिव ( Corona Positive) लोगों की संख्या 5.5 लाख तक पहुंच सकती है।
उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल दिल्ली में स्कूलों को फिर से खोलने का सवाल नहीं उठता। स्कूलों को एक बार खोलकर फिर से उसे बंद करना और मुश्किल टास्क ( Hard task ) साबित होगा। अभी सरकार इस तरह का प्रयोग नहीं करना चाहती है।
दिल्ली में कोरोना वायरस के बड़े पैमाने पर खतरे को देखते हुए उन्होंने कहा कि अस्पतालों में पहले से ही पर्याप्त बेड तैयार हैं। सिसोदिया ने कहा कि वे लोग झूठे वादे नहीं करते हैं, लेकिन मरीजों के लिए पर्याप्त बेड तैयार हैं।
डिप्टी सीएम ने कहा कि बॉर्डर खोलने ( Open Border ) से चीजों को मैनेज करना मुश्किल हुआ है। ऐसे में हमारा कैलकुलेशन भी गड़बड़ाया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सिस्टम फेल नहीं हुआ है। लोगों को इलाज मिल रहा है। हमारी सरकार हर संभव सहायता करने के लिए तैयार है।
दिल्ली सरकार ( Delhi Government ) के अधीन आने वाले अस्पतालों में बाहरियों के इलाज के मसले पर केंद्र और दिल्ली सरकार में गहरे मतभेद हैं। सिसोदिया ने बताया कि इस मुद्दे पर उनका केंद्र और उपराज्यपाल के विचारों से मतभेद हैं।
आपको बता दें कि सीएम केजरीवा ने 7 जून को दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले अस्पताल में सिर्फ दिल्ली वालों का ही इलाज होने की घोषणा की थी। उपराज्यपाल अनिल बैजल ( LG Anil Baijal ) ने बाद में अपने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल करते हुए सीएम के इस फैसले को पलट दिया था। वहीं, कमियों पर बात करते हुए दिल्ली के डिप्टी सीएम ने कहा कि सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है। उन्होंने विपक्षी पार्टियों को इस समय राजनीति न करने की नसीहत भी दे डाली।
Updated on:
10 Jun 2020 02:12 pm
Published on:
10 Jun 2020 02:09 pm
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