
नई दिल्ली। दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका के नौ मित्रवत देशों ने DRDO द्वारा विकसित आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के अधिग्रहण में रुचि दिखाई है। यह देश के लिए गौरव की बात है।
आकाश प्रक्षेपास्त्र भारत द्वारा स्वदेशी निर्मित, माध्यम दूर की सतह से हवा में मार करने वाली प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है।
मिसाइल प्रणाली विमान को 30 किमी दूर व 18 हजार मीटर ऊंचाई तक भेद सकती है। इसमें लड़ाकू जेट विमानों, क्रूज मिसाइलों और हवा से सतह वाली मिसाइलों के साथ-साथ बैलिस्टिक मिसाइलों जैसे हवाई लक्ष्यों को बेअसर करने की क्षमता है। यह भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना के साथ परिचालन सेवा में है।
आकाश प्रणाली पूरी तरह से गतिशील है और वाहनों के चलते काफिले की रक्षा करने में कारगर है। लांच प्लेटफार्म को दोनों पहियों और ट्रैक वाहनों के साथ लगाया गया है जबकि आकाश सिस्टम को मुख्य रूप से एक हवाई रक्षा (सतह से हवा) के रूप में बनाया गया है।
Published on:
30 Dec 2020 06:37 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
