यह आदेश न्यायाधीश एस पी केशरवानी व डॉ. वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने हाथरस निवासी आशा देवी व अरविंद की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह लिव-इन-रिलेशनशिप नहीं है बल्कि दुराचार का अपराध है। इसके लिए पुरुष अपराधी है। याचिकाकर्ता आशा देवी की शादी महेश चंद्र के साथ हुई है। दोनों के बीच तलाक नहीं हुआ है, लेकिन वो अपने पति से अलग दूसरे पुरुष (अरविंद) के साथ पति-पत्नी की तरह रहती है। याचिकाकर्ता का कहना था कि वह दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं। उन्हें उनके परिवार वालों से सुरक्षा प्रदान की जाए।