बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से ये आग लगी है। फिलहाल, जांच की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, आग लगने के बाद मौके पर तैनात सीआरपीएफ 06 बटालियन के जवानों ने तुरंत इसकी सूचना दमकल विभाग को दी। साथ ही श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को भी इसकी जानकारी दी गई।
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सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची दमकल विभाग की टीम ने आग बुझाने की कोशिश की। करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। हालांकि, जब तब आग पर काबू पाया गया तब तक कैश काउंटर में रखे गए कैश के साथ ही कैश काउंटिंग मशीनें और अन्य जरूरी सामान पूरी तरह से जलकर खाक हो गया। फिलहाल, नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। इस हादसे में किसी के भी हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।
यात्रा पर लगी रोक
कालिका भवन में भीषण आग की लपटों को दूर-दूर से देखी जा सकती थी। इस अग्निकांड के बाद यात्रा को रोक दिया गया है। मंदिर प्रशासन के अधिकारियों ने कहा है कि हालात सामान्य होने पर यात्रा को फिर से बहाल किया जाएगा। बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से पहले से ही मंदिर में यात्रियों की संख्या को सीमित कर दिया गया है।
अपने समय पर होगी लाइव आरती
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार ने कहा कि कैश काउंटर में शार्ट सर्किट की वजह से ये आगजनी की घटना हुई है। फिलहाल, आग पर काबू पा लिया गया है।
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उन्होंने कहा कि लाइव आरती पहले की तरह समय पर होगी। मां वैष्णो देवी के पवित्र अटका स्थान पर रोजाना होने वाली लाइव आरती पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है।
इससे पहले भी हो चुकी है आगजनी की घटना
मालूम हो कि मंदिर परिसर में इससे पहले भी आगजनी की ऐसी घटना हो चुकी है। बीते 30 अप्रैल को माता वैष्णो देवी मार्ग पर स्थित चरण पादुका मंदिर क्षेत्र में शंभू मार्केट में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई थी। इस घटना में 15 दुकानें जलकर खाक हो गई थी।
वहीं इससे पहले दो बार इससे भी भीषण अग्निकांड की घटना हुई थी। 2009 में पीपी मार्केट में भयंकर आग लगी थी, जिसमें 55 दुकानें जलकर खाक हो गई थी। वहीं 2012 में पीपी मार्केट में लगी आग में 25 दुकानें जलकर राख हो गई थी।