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मुस्लिमों की सुरक्षा को लेकर चिंतित इमाम अहमद बुखारी, राहुल और पीएम मोदी को लिखा खत

राहुल गांधी को लिखे खत में अहमद बुखारी ने लिखा है, जो हाल मौजूदा दौर में मुसलमानों का है वैसा पिछले 7 दशकों में नहीं हुआ

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Maulana Syed Ahmed Bukhari

Maulana Syed Ahmed Bukhari

नई दिल्ली। देश में मुसलमानों के मौजूदा हालातों और मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं को लेकर दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना सैयद अहमद बुखारी ने गहरी चिंता व्यक्त की है। मुसलमानों की सुरक्षा के लिए और उन घटनाओं को रोकने के लिए शाही इमाम अहमद बुखारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को खत लिखा है। राहुल गांधी को लिखे खत अहमद बुखारी ने लिखा है कि मुस्लिमों के खिलाफ हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाएं चिंताजनक हैं। वहीं पीएम मोदी को खत लिखकर इमाम ने कहा है कि हाल ही में मुस्लिमों के खिलाफ 60 के करीब मॉब लिंचिंग की घटनाए हुई हैं, लेकिन सरकार उन्हें रोकने के लिए कारगर कदम उठाने में कामयाब नहीं हो सकी।

बुखारी ने पीएम मोदी और राहुल को लिखे खत

इमाम ने पीएम मोदी और राहुल गांधी दोनों को ही अलग-अलग भाषा में खत लिखा है। राहुल गांधी को जो खत लिखा गया है वो उर्दू में है और जो पीएम मोदी को लिखा गया है वो खत अंग्रेजी में है। राहुल गांधी को लिखे खत में अहमद बुखारी ने लिखा है, जो हाल मौजूदा दौर में मुसलमानों का है वैसा पिछले 7 दशकों में नहीं हुआ। मॉब लिंचिग के नाम पर 64 मासूम मुसलमानों को मार दिया गया है। उन्होंने राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि सरकार जो सलूक उनके साथ कर रही है, उसपर वे चुप क्यों हैं। क्या वे मुस्लिमों पर अत्याचार की घटनाओं पर चुप्पी साधे रहेंगे।

दाढ़ी रखने और टोपी पहनने से डर रहे हैं मुसलमान

बुखारी ने आरोप लगाया है कि इस वक्त देश में जिस तरह का माहौल है उसमें मुसलमानों का कारोबार करना मुश्किल हो गया है। मुसलमान टोपी पहनने और दाढ़ी रखने से कतरा रहे हैं। उनके जान-माल को हमेशा खतरा बना हुआ है। बुखारी ने राहुल गांधी से कहा है कि वे मुस्लिमों की सुरक्षा के लिए सत्ता पक्ष पर दबाव बनाएं। ताकि इस देश में मुसलमान पहले की तरह निर्भीक होकर रह पाएं।

पीएम मोदी को लिखे खत में अहमद बुखारी ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने खुद संसद में मॉब लिंचिंग की घटनाओं की निंदा की, लेकिन सरकार के मंत्री और बीजेपी नेताओं के गैरजिम्मेदार बयानों की वजह से मुस्लिम डर के साए में जिदंगी गुजारने को मजबूर हैं।