
may is real challenging month
नई दिल्ली।कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में जुटे हिंदुस्तान में आगामी 3 मई को लॉकडाउन 2.0 की अवधि पूरी हो रही है। हालांकि दूसरी तरफ पिछले कई दिनों से रोजाना हजार से ऊपर नए मामले और काफी संख्या में मरीजों की मौत भी हो रही है। ऐसे में मौजूदा माह यानी मई कोरोना के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। जहां केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कामकाज शुरू कर सकती है, आम नागरिकों की जरा सी चूक उन्हें गंभीर खतरे में भी पहुंचा सकती है।
मई क्यों है महत्वपूर्ण
कोरोना के खिलाफ जंग में आखिर मई का महीना क्यों महत्वपूर्ण है, यह जानना बेहद जरूरी है। दरअसल, इसकी सबसे पहली वजह तो लॉकडाउन है, जिसने काफी हद तक भारत में कोरोना वायरस के फैलने को कंट्रोल किया है, लेकिन दूसरी तरफ इसने उद्योग-धंधे बंद करने के साथ ही कामगारों-मजदूरों की रोजी-रोटी भी छीन ली और लाखों प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फंस गए।
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ऐसे में 3 मई को खत्म हो रहे दूसरे दौर के 19 दिनों वाले लॉकडाउन के बाद कई रियायतें मिलने की उम्मीद है। गृह मंत्रालय पहले ही इस तारीख के बाद दूसरे राज्यों में प्रवासी-फंसे लोगों की उनके मूल प्रदेश में वापसी के लिए इंतजामात करने की घोषणा कर चुका है। जबकि सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ग्रीन जोन वाले इलाकों में लॉकडाउन में ढील देने, उद्योगों को चरणबद्ध ढंग से खोलने, कर्मचारियों को नौकरी पर लौटने, मजदूरों को उचित निर्देशों के साथ काम देना चालू करने को लेकर भी ईशारा कर चुकी है।
वहीं, बीते शनिवार सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन (SUTD) ने दावा किया था कि ना केवल भारत बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी यह वायरस जल्द खत्म हो जाएगा। सिंगापुर यूनिवर्सिटी के मुताबिक भारत में 20 तक कोरोना खत्म हो सकता है। बकि बीते शुक्रवार को केंद्र सरकार ने एक दावा किया कि अगर देश में 16 मई तक लोग लॉकडाउन का पालन करें तो कोई नया केस सामने नहीं आ पाएगा। यानी भारत से कोरोना को खत्म किया जा सकेगा।
सरकार के सामने चुनौती
जाहिर सी बात है लॉकडाउन को खोलना ऐसे वक्त में काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि इससे कोरोना के मामलों में तेजी आने की पूरी संभावना है। सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए अन्य देशों की केस स्टडी देखने के साथ ही भारत के भीतर मौजूदा हालात, देश के हॉटस्पॉट्स-रेड-ऑरेंज जोन को लेकर उठाए जाने वाले कदम, उद्योग-दफ्तर खोले जाने पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने को लेकर चिंता में है।
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चूक पड़ेगी भारी
ऐसे नाजुक वक्त में ना केवल सरकार बल्कि आम नागरिकों का भी पूरी तरह सावधानी भरे कदम उठाना जरूरी हो जाता है। अभी तक 38 दिनों तक चले लॉकडाउन के दौरान लोगों ने काफी हद सावधानी बरती है और दिशा-निर्देशों का पालन भी किया है। लेकिन आने वाले दिनों में लॉकडाउन से छूट मिलने के बाद वो कैसी प्रतिक्रिया देते हैं, वही देश और उनका भविष्य तय करेगा।
Updated on:
01 May 2020 01:07 pm
Published on:
01 May 2020 09:31 am
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