
नई दिल्ली।
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के संसाधनों को लूट रही है। मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा, मुझे स्थानीय प्रशासन द्वारा आज रामबियारा नाले पर जाने से रोक दिया गया। यह वह जगह है जहां बाहरी लोग अवैध टेंडर से रेत खनन करते हैं जबकि स्थानीय लोगों को रोका जाता है। हमारी भूमि और संसाधनों को केंद्र सरकार लूट रही हैं और हमारे लिए ‘अवमानना के अलावा कुछ नहीं है।’
मुफ्ती ने एक अन्य ट्वीट में कहा, यह नए कश्मीर का विकृत रूप है। रेत माफिया दिन के उजाले में काम कर रहे हैं फिर भी हमसे चुप रहने को कहा जाता है। इसे उजागर करना मेरी जि मेदारी है पर केंद्र की भाजपा सरकार सुरक्षा की आड़ में मेरे अधिकारों का हनन कर रही है। आने-जाने पर रोक है। जम्मू-कश्मीर को खुली जेल बना दिया है।’
डीडीसी चुनावों को बनाने आए थे निशाना
विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य थे जो कि संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों में प्रतिबंधित आतंकी संगठन है। आतंकियों के पास से भारी मात्रा में विस्फोटकों की बरामदगी दिखाती है कि वे बड़े हमले का षड्यंत्र रच कर आए थे। सरकार के अनुसार, आतंकी जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों में खलल डालना चाहते थे। जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में एक ट्रक में सवार प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकियों को मार गिराया था।
कूटनीतिक स्तर पर मजबूत होगा पक्ष
नगरोटा एनकाउंटर के बाद भारत ने आधिकारिक रूप से आपत्ति दर्ज कराई है। पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी को तलब कर भारत सरकार ने नाराजगी जताई है। यह पाकिस्तान के गुनाहों के ताबूत में एक कील की तरह है। संयु त राष्ट्र जैसे मंच पर भारत जब भी पाक समर्थित आतंकवाद को लेकर पक्ष रखेगा तो यह सब आधिकारिक आपत्ति उसे बल देगी। यह कूटनीतिक स्तर पर भारत की मदद करेगी। इस तरह आधिकारिक आपत्ति दर्ज करा कोई भी देश किसी कार्रवाई को आधिकारिक दर्जा देता है। इससे पहले भी भारत कई मौकों पर पाक के प्रति आधिकारिक नाराजगी दर्ज करा चुका है। इससे विश्वमत को अपने पक्ष में करने और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को ताकत मिलेगी।
Published on:
22 Nov 2020 11:52 am
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