26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जम्मू-कश्मीर: PM मोदी की सर्वदलीय बैठक में गैरहाजिर रह सकती है महबूबा मुफ्ती!

जम्मू-कश्मीर पर प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की पुष्टि करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि मीटिंग में जाने पर अंतिम फैसला पार्टी के सहयोगियों के साथ चर्चा के बाद होगा।

2 min read
Google source verification

image

Sunil Sharma

Jun 20, 2021

mehbooba.jpg

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में 24 जून को प्रस्तावित तथा प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में होने वाली सर्वदलीय बैठक से महबूबा मुफ्ती किनारा कर सकती है। उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के भविष्य पर फैसला करने के लिए बुलाई गई इस मीटिंग में राज्य के 8 राजनीतिक दलों के 14 प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया गया है, इनमें पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती तथा नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला सहित चार पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।

यह भी पढ़ें : PM मोदी ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, कश्मीर के भविष्य पर होगा फैसला

शनिवार शाम को महबूबा मुफ्ती ने मीटिंग के लिए बुलाए जाने की पुष्टि करते हुए कहा था कि मीटिंग में जाने पर अंतिम फैसला पार्टी के सहयोगियों के साथ चर्चा के बाद होगा। इसी विषय पर बोलते हुए जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने केन्द्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा मीटिंग में शामिल होने की बात कही थी। बुखारी ने कहा था कि इससे हमारी उस मान्यता को बल मिलता है कि जम्मू कश्मीर के लिए लोकतंत्र और राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए आपसी बातचीत ही सर्वश्रेष्ठ तरीका है।

यह भी पढ़ें : ऐसे पांच किस्से, जिनके कारण राहुल गांधी का आज भी उड़ता है मजाक

आपको बता दें कि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 समाप्त कर राज्य का विशेष दर्जा खत्म किए जाने और उसे तीन हिस्सों में बांटने के बाद से वहां लगभग सभी राजनीतिक गतिविधियां बंद हैं। वर्ष 2019 के बाद पहली बार राज्य में इस तरह की राजनीतिक मीटिंग केन्द्र सरकार की ओर से आयोजित की जा रही है। बैठक में अमित शाह, अन्य केन्द्रीय नेताओं सहित आईबी तथा रॉ के कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रह सकते हैं। आधिकारियों के अनुसार केन्द्र सरकार ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रण दिया गया था।