
नई दिल्ली. कोरोना की दूसरी लहर पर भारत काबू पाता हुआ नजर आ रहा है। जब पूरी दुनिया इसकी चपेट में आ गई है, उस वक्त में भारत के आंकड़े कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। अमरीका जैसे साधन सम्पन्न देशों में इस समय प्रति दस लाख जनसंख्या पर 606 कोविड मरीज आ रहे हैं। जबकि देश में इस समय यह आंकड़ा केवल 10.40 का है, यानि औसतन 10 नए मरीज मिल रहे हैं। जबकि भारत में दूसरी लहर जब सितंबर में नजर आई थी, उस समय यह आंकड़ा देश के भीतर औसतन 68 था। वहीं, सितंबर में प्रति सौ कोविड रिपोर्ट पर औसतन नौ मरीज देश में आ रहे थे, जो घटकर अब दो के करीब रह गए हैं। जबकि दुनिया भर में हालात इससे जुदा हैं। अमरीका, स्पेन और ब्रिटेन जैसे देशों में यह दस से लेकर 15 तक है।
दरअसल, सितंबर माह में कोरोना की बड़ी लहर देश के भीतर दिखाई दी थी, जब पूरी दुनिया के मुकाबले हमारे यहां पर लगातार केस बढ़ रहे थे। छह सितंबर को भारत संक्रमितों की संख्या के मामले में ब्राजील को पछाड़कर दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुंच गया था। 72 हजार 311 केस के साथ कुल संक्रमितों की संख्या 40 लाख, 12 हजार, 550 हो गई थी। उस दिन 884 मौतें हुई थीं।
देश में नए संक्रमितों और मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा, लेकिन इसके बाद लगातार सुधार दर्ज किया गया। यही वजह है कि संक्रमितों की कुल संख्या के मामले में दूसरे पायदान पर होने के बावजूद 19 जनवरी तक के आंकड़ों के मुताबिक देश लगभग हर मोर्चे पर जीत हासिल कर चुका है। रिकवरी रेट से लेकर मृत्युदर और औसत नए मामलों में आंकड़े बेहतरी की ओर जा रहे हैं, जबकि अमरीका, ब्रिटेन, ब्राजील व स्पेन जैसे देशों की स्थिति लगातार बिगड़ी है।
ऐसे मिली जीत...
भारत छह सितंबर को संक्रमितों के मामले में दूसरे पायदान पर आ गया था। उस समय भारत में प्रति दस लाख लोगों पर मौतों का आंकड़ा 0.74 फीसदी था जिसमें संक्रमितों के आधार पर मौतों के आंकड़ों में भी सुधार हुआ है जो 19 जनवरी-2021 को घटकर 0.13 पहुंच गया है।
Published on:
21 Jan 2021 10:46 am
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