
मिशन शक्ति: नासा को DRDO का जवाब- बचने का अच्छा तरीका है निंदा करना
नई दिल्ली। भारत के एंटी-सेटेलाइट मिसाइल (ASAT) परीक्षण मिशन शक्ति पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) का बयान आया है। डीआरडीओ चीफ सातेश रेड्डी ने बगैर नाम लिए अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा , पड़ोसी देश पाकिस्तान और कुछ विपक्षी नेताओं के विरोध का जवाब दिया है।
गुप्त नहीं रख सकते थे मिशन शक्ति: DRDO
डीआरडीओ चीफ ने कहा कि मिशन शक्ति की प्रकृति ऐसी है कि इसे किसी भी हाल में गोपनीय नहीं रखा जा सकता है। किसी भी उपग्रह को दुनिया भर के कई स्टेशन ट्रैक करते हैं। उन्होंने कहा कि इस मिशन के लिए सभी आवश्यक मंजूरियां ली गई थीं। गौरतलब है कि कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा था कि केवल नासमझ सरकार ही देश की रक्षा क्षमता का खुलासा करती है।
अमरीका और पाक को दिया जवाब
रेड्डी ने नासा और पाक के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि सैन्य क्षेत्र में अंतरिक्ष का अपना खास महत्व है। जब भारत जैसा देश इस तरह का अभ्यास करते हैं और बाधाओं को पार कर लक्ष्य तक पहुंच जाते हैं। जैसा कि आपने भी किया है। तो बचाव का सबसे अच्छा तरीका है कि निंदा शुरु कर दी जाए। हमने अपनी धरती पर ही इसे बनाया और लक्ष्य तक पहुंच गए। ये रक्षा के के लिए काम करता है। रेड्डी ने बताया कि मारे गए सैटेलाइट का मलबा कुछ हफ्तों में खत्म हो जाएगा। मलबे से अंतरिक्ष में मौजूद किसी भी संपत्ति को नुकसान नहीं होगा। हम लगातार इसपर नजर बनाए हुए हैं।
मिशन शक्ति से बौखलाए दूसरे मुल्क
बता दें कि पिछले दिनों नासा ने भारत के मिशन शक्ति के परीक्षण की आलोचना की थी। उसने कहा कि ASAT से इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन (आईएसएस) में खतरे को बढ़ा दिया। अब अन्य देशों में इसी तरह के परीक्षण करने की प्रतिस्पर्धा उत्पन्न हो सकती है। नासा के प्रमुख जिम ब्राइडेन्सटाइन ने कहा कि ए-सैट मिसाइल ने तीन मिनट में लॉ अर्थ आर्बिट (एलईओ) में एक काम कर रहे सैटेलाइट पर सफलतापूर्वक निशाना लगाया, जिससे अंतरिक्ष में कचरे के 400 टुकड़े फैल गए।
Updated on:
06 Apr 2019 08:32 pm
Published on:
06 Apr 2019 05:00 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
