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कारगिल में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं चालू, 30 प्रमुख नेता ही फिलहाल हिरासत में

भाजपा के महासचिव राम माधव ने दी जानकारी। फिलहाल हिरासत में 100 से भी कम लोग। चरणबद्ध ढंग से नेताओं की हो रही है रिहाई।

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ram madhav in jammu

लद्दाख। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के कारगिल जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं शुरू हो गई हैं। इससे कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू एंव कश्मीर में तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 72 कंपनियों को तत्काल प्रभाव से वापस बुला लिया था।

इस संबंध में जम्मू में भारतीय जनता पार्टी के महासचिव राम माधव ने बताया, "कारगिल में आज से इंटरनेट सेवाएं फिर से शुरू हो गई हैं। हमें उम्मीद है कि जल्द ही जम्मू क्षेत्र और कश्मीर घाटी में इंटरनेट सेवाएं फिर से शुरू हो जाएंगी क्योंकि स्थिति अनुकूल हो गई है।"

वहीं, घाटी में हिरासत में लिए गए नेताओं के बारे में उन्होंने बताया, "4 महीने पहले, बड़ी संख्या में लोगों को निवारक हिरासत में रखा गया था। लेकिन, आज, केवल 30-32 प्रमुख नेता निवारक नजरबंदी के अधीन हैं और कुल मिलाकर संख्या 100 से कम है।"

सुरक्षा बलों को हटाए जाने के संबंध में इससे पहले गृह मंत्रालय ने कहा था, "मंत्रालय ने फैसला लिया है कि वो जम्मू एवं कश्मीर से सीएपीएफ की 72 कंपनियां (सीआरपीएफ की 24, बीएसएफ की 12, आईटीबीपी की 12, सीआईएसएफ की 12 और एसएसबी की 12 कंपनियां) तत्काल प्रभाव से हटा रहा है और उन्हें उनके निर्धारित स्थान पर भेजा जा रहा है।"

दिसंबर के दूसरे सप्ताह ने गृह मंत्रालय ने सुरक्षा बलों को हटाने का काम शुरू कर दिया था। गौरतलब है कि बीते अगस्त में जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के बाद से संचार सेवाओं पर पाबंदियां लगा दी गई थीं।