
Modi government issues internet shutdown rules and regulations
नई दिल्ली। आपातकाल में टेलिकॉम सर्विसेस को शटडाउन करने को लेकर मोदी सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। संचार मंत्रालय की ओर से टेलीग्राफ अधिनियम 1885 के तहत जारी की गई अधिसूचना को 'दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकालीन या सार्वजनिक सुरक्षा) नियम, 2017Ó दस्तावेज के अंतर्गत जारी किया गया है। विदित हो कि जब कभी किसी क्षेत्र विशेष में स्थिति काबू से बाहर होती नजर आती है तो स्थानीय प्रशासन इंटरनेट को शटडाउन करने का आदेश सुना देता है। ऐसे में सोशल मीडिया और मैसेंजर एप्स काम करना बंद कर देते हैं।
इंटरनेट शटडाउन से संबंधित नया दिशानिर्देश
भारत सरकार के आदेश के मुताबिक गृह मंत्रालय का सचिव किसी विशेष क्षेत्र में इंटरनेट को बंद करने के लिए राज्य के गृह विभाग के सचिव को आदेश जारी कर सकता है। वहीं आपातकालीन स्थिति में केंद्रीय गृह सचिव की ओर से ज्वाइंट सेक्रेटरी को यह अधिकार दिया गया है कि वो इस तरह का आदेश जारी करे, जो कि अगले 24 घंटों के भीतर यूनियन होम सेक्रेटरी के तौर पर मान्य होगा।
24 घंटे में बतानी होगी सही वजह
नए नियम के अनुसार अब टेलिकॉम सर्विसेज को बंद करने के लिए कोई ऑर्डर जारी करने की कॉपी सही वजह के साथ 24 के घंटे के भीतर तीन सदस्यीय रिव्यू कमिटी को भेजना होगा। केंद्र में इस कमेटी का चेयरमैन कैबिनेट सेक्रेटरी और स्टेट लेवल पर रिव्यू चीफ सेक्रेटरी करेगा। नए नियम में टेलिकॉम सर्विसेस सस्पेंड होने के पांच कार्य दिवस के भीतर आदेश की समीक्षा के लिए कमेटी को मीटिंग करनी होगी।
स्थानीय प्रशासकों से छीनी शक्ति
केंद्र सरकार ने स्थानीय प्रशासकों, जिसमें जिला मजिस्ट्रेट और जिले के मेयर शामिल हैं, से इंटरनेट बंद करने से संबंधित किसी भी शक्तियों को वापस ले लिया गया है। वहीं नए नियम के तहत केंद्र और राज्यों के होम सेक्रेटरी को किसी एरिया में इस तरह का आदेश देने के लिए अधिकृत किया है।
Published on:
02 Sept 2017 05:46 pm
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