
मोदी सरकार 2.0 का भ्रष्टाचार पर दूसरा वार, 15 वरिष्ठ अधिकारियों को किया जबरन रिटायर
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बार फिर वित्त मंत्रालय से भ्रष्ट और नकारे अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। मंगलवार को मंत्रालय ने टैक्स विभाग के 15 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर ( Compulsorily Retire ) किया है। नियम 56 के तहत केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व कस्टम बोर्ड के मुख्य आयुक्त, आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त स्तर के अधिकारियों को समय से पहले रिटायर किया गया है।
सैलरी ज्यादा लेकिन नहीं करते थे काम
रिपोर्ट्स के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 में मोटी सैलरी पाने वाले उन वरिष्ठ अधिकारियों की लिस्ट बन रही है, जो आलसी हैं और काम नहीं कर रहे। मंगलवार को हुई ये कार्रवाई उसी पर अमल है। इससे पहले सरकार ने आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों से 10 जून तक इस्तीफा भी मांगा था।
एक नजर उन अफसरों पर जिनको मोदी सरकार ने नियम 56 जबरन रिटायर किया है।
| पद | रिटायर होने वाले अधिकारी के नाम |
| प्रिंसिपल कमिश्नर | डॉ. अनूप श्रीवास्तव |
| कमिश्नर | अतुल दीक्षित, संसार चंद, हर्षा, विनय व्रिज सिंह |
| एडिशनल कमिश्नर | अशोक महिदा, वीरेंद्र अग्रवाल, राजू सेकर |
| डिप्टी कमिश्नर | अमरेश जैन, अशोक कुमार असवाल |
| ज्वाइंट कमिश्नर | नलिन कुमार |
| असिस्टेंट कमिश्नर | एसएस पाब्ना, एसएस बिष्ट, विनोद सांगा, मोहम्मद अल्ताफ |
10 जून को भी रिटायर किए गए थे 12 अधिकारी
10 जून को भी मोदी सरकार ने ऐसे ही एक सफाई अभियान के तहत वित्त मंत्रालय के आयकर विभाग से 12 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया था। इन अधिकारियों को भी नियम-56 के तहत ही बाहर किया गया था। ये सभी चीफ कमिश्नर, प्रिंसिपल कमिश्नर्स और कमिश्नर जैसे पदों पर तैनात थे। इनमें से कुछ पर कथित भ्रष्टाचार, अवैध संपत्ति और यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप थे। इस तरह अब तक कुल 27 अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया गया है।
Updated on:
18 Jun 2019 07:59 pm
Published on:
18 Jun 2019 04:17 pm
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