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11 साल बाद शहाबुद्दीन की होगी रिहाई, 1300 गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचेंगे सीवान

राजद के नेता और बांका के बेलहर विधायक ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है कि शहाबुद्दीन शनिवार सुबह आठ बजे भागलपुर सेंट्रल जेल को अलविदा कहेंगे

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Abhishek Tiwari

Sep 09, 2016

Shahabuddin

Shahabuddin

पटना। पटना उच्च न्यायालय ने पूर्व राजद सांसद और बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन को बुधवार को बड़ी राहत देते हुए सीवान के बहुचर्चित तेजाब कांड में दो सगे भाइयों की हत्या के चश्मदीद गवाह राजीव रौशन की हत्या के मामले में जमानत दे दी। जमानत मिल जाने के कारण सीवान के पूर्व सांसद शनिवार को ग्यारह साल बाद जेल से बाहर आएंगे। शहाबुद्दीन फिलहाल भागलपुर जेल में बंद हैं।

1300 गाड़ियों के काफिले के साथ सीवान पहुंचेगे शहाबुद्दीन

राजद के नेता और बांका के बेलहर से विधायक गिरधारी यादव ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है कि शहाबुद्दीन शनिवार सुबह आठ बजे भागलपुर सेंट्रल जेल को अलविदा कहेंगे। बिहार सरकार के चार मंत्री सहित महागठबंधन के लगभग 30 विधायकों का काफिला सीवान के लिए उनके साथ रवाना होगा। उनके काफिले में 1300 गाड़ियां होंगी। काफिले में कई राजद नेताओं के शामिल होने के भी आसार हैं।

पत्नी बोली 2003 से ही कर रही हूं इंतजार

मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब ने बताया कि मैं 2003 से ही उनका इंतजार कर रही हूं। 13 साल से ज्यादा हो गए। ऊपर वाले के घर में देर है, अंधेर नहीं। ऊपर वाले पर भरोसा किए बैठे थे कि न्याय होगा ही। सच्चाई एक न एक दिन सामने आ ही जाती है। आखिरकार उन्हें जमानत मिली, इस बात की खुशी है।

बता दें कि पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जे एन शर्मा की पीठ ने राजीव रौशन हत्या मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता शहाबुद्दीन को जमानत दे दी थी।

शहाबुद्दीन के अधिवक्ता वाई वी गिरी ने अदालत को बताया कि जब राजीव की हत्या की गई थी, तब राजद नेता जेल में बंद थे। गौरतलब है कि वर्ष 2014 में राजीव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतक राजीव रौशन के पिता चन्द्रकेश्वर प्रसाद के बयान पर पूर्व सांसद मो$ शहाबुद्दीन के साथ उनके पुत्र ओसामा के विरुद्घ नगर थाना में प्राथमिकी (कांड संख्या 220/14) दर्ज कराई गई थी।

उल्लेखनीय है कि 16 अगस्त, 2004 को सीवान के व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के बेटों गिरीश, सतीश और राजीव का अपहरण किया गया था। गिरीश और सतीश की तेजाब डालकर हत्या कर दी गई

थी, जबकि राजीव उनके चंगुल से भाग निकलने में कामयाब रहा था। इस मामले में गिरीश की मां कलावती देवी के बयान पर सीवान के मुफस्सिल थाने में मामला दर्ज किया गया था। हत्याकांड के गवाह और मृतकों के भाई राजीव ने अदालत को बताया था कि वारदात के समय पूर्व सांसद शहाबुद्दीन खुद वहां उपस्थित थे।

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