
दिल्ली में ऐतिहासिक इमारत के बोर्ड से गायब हुआ 'मस्जिद' शब्द, बड़ी साजिश की आशंका
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में पांच सौ साल पुरानी एक मस्जिद के बाहर लगे बोर्ड से 'मस्जिद' शब्द के गायब होने का मामला सामने आया है। घटना दिल्ली की खिड़की मस्जिद का है, जहां मस्जिद के बाहर लगे बोर्ड से मस्जिद शब्द हटा दिया गया है। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा गया है। बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। कुछ शरारती तत्व बार-बार मस्जिद के बाहर लगे बोर्ड को क्षतिग्रस्त कर मस्जिद शब्द हटा देते हैं।
क्या है मामला
मीडिया की खबरों के अनुसार खिड़की मस्जिद एक संरक्षित इमारत है जो भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत आती है। इस मस्जिद के बाहर पुरातत्व विभाग का एक बोर्ड लगा रहता है जिस पर उस मस्जिद के बारे में जानकारी दी गई है। कुछ शरारती तत्व इसे मस्जिद मामने से इंकार करते हैं और वो बार बार इस बोर्ड से मस्जिद शब्द हटा देते हैं। लगभग डेढ़ साल पहले भी ऐसी घटना हो चुकी है।
मस्जिद या महाराणा प्रताप का किला
स्थानीय लोगों का दावा है कि यह एक मस्जिद न होकर महाराणा प्रताप का किला है। जबकि एएसआई का कहना है कि यह एक संवेदनशील विषय है जिसके बारे में पक्के तौर पे कुछ नहीं कहा जा सकता है। 1915 के भारत सरकार के राजपत्र के अनुसार एएसआई ने इस इमारत को "खिड़की मस्जिद" के रूप में मान्यता दी है। मस्जिद के बाहर लगे बोर्ड के अनुसार इस मस्जिद का निर्माण मलिक मकबूल ने किया था, जो कि फिरोज शाह तुगलक के शासन में दिल्ली सल्तनत के प्रधानमंत्री था। एएसआई के पास इस इमारत के बारे में इससे अधिक कोई और जानकरी नहीं है लेकिन उसका कहना है कि बोर्ड से मस्जिद शब्द हटाना एएसआई का काम नहीं है बल्कि यह शरारती तत्वों का किया धरा है।
खिड़की मस्जिद के नाम से मशहूर है इमारत
यह शानदार इमारत खिडकी मस्जिद के नाम से जानी जाती है। मस्जिद के अंदर बनी खूबसूरत खिड़कियों के कारण इसका नाम खिड़की मस्जिद पड़ा। यह मस्जिद दो मंजिला है। मस्जिद के चारों कोनों पर बुर्ज बने हैं जो इसे किले का रूप देते हैं। तीन दरवाजों पर मीनारें बनी हैं। पुराने समय में पूर्वी द्वार से प्रवेश किया जाता था लेकिन अब दक्षिण द्वार पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है।
Published on:
09 Jun 2018 01:33 pm
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