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Mumbai Airport Scam: GVK और MIAL के खिलाफ CBI ने दर्ज किया FIR, 805 करोड़ रुपए की अनियमितता का आरोप

Mumbai Airport घोटाले में GVK और MIAL के खिलाफ FIR दर्ज CBI ने कहा- घोटाले में तकरीबन 1,000 करोड़ के सरकारी नुकसान का अंदेशा एयरपोर्ट घोटाले में 9 और कंपनियां भी शामिल- CBI

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Kaushlendra Pathak

Jul 02, 2020

Mumbai Airport Scam: CBI case against GVK group and MIAL

मुंबई एयरपोर्ट घोटाले में FIR दर्ज।

नई दिल्ली। मुंबई एयरपोर्ट घोटाले ( Mumbai Airport Scam ) में CBI ने जीवीके ग्रुप (GVK) ऑफ कंपनीज के चेरपर्सन जी वेंकट कृष्ण रेड्डी ( Venkata krishna Reddy ) और मुंबई इंटरनेशल एयरपोर्ट लमिटेड ( MIAL ) के खिलाफ FIR दर्ज किया है। इन दोनों पर कथित तौर पर 805 करोड़ रुपए की अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है। CBI ने जो FIR दर्ज किए हैं, उनमें नौ अन्य प्रवाइवेट कंपनियों ( Private Companies ) के अधिकारियों के भी नाम भी शामिल हैं। इन सभी पर साल 2012 से लेकर 2018 तक सरकारी सरकारी राशि को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा है।

GVK और MAIL पर सरकारी राशि गबन करने का आरोप

रिपोर्ट में कहा गया है कि MIAL नामक एक संयुक्त उद्यम कंपनी का गठन जीवीके एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड, एयरपोर्ट अथॉरिटी इंडिया ( AAI ) और कुछ अन्य विदेशी संस्थाओं द्वारा किया गया था। FIR में कहा गया है कि GVK के पास 50.5 प्रतिशत शेयर हैं, जबकि 26 प्रतिशत शेयर एएआई ( AAI ) के पास है। यहां आपको बता दें कि एमआईएएल के अध्यक्ष जीवीके रेड्डी हैं। जबकि, जीवी संजय रेड्डी ( JV Sanjay Reddy ) MIAL के प्रबंध निदेशक है, CBI ने अपने एफआईआर में इनका नाम भी शामिल किया है। बताया जा रहा है कि MIAL और AAI के बीच साल 2006 में समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था। समझौते के मुताबिक, MIAL मुंबई एयरपोर्ट को चलाएगा और सालाना AAI को अपने राजस्व का 38.7 प्रतिशत हिस्सा देगा। वहीं, बची रकम को एरयपोर्ट के रखरखाव, संचालन और आधुनिकीकरण पर खर्च किए जाएंगे।

घोटाले में 9 और कंपनियां भी शामिल

इतना ही नहीं CBI ने FIR में यह भी आरोप लगाया है कि आरोपियों ने नौ अन्य प्राइवेट कंपनियों के साथ समझौता करके कुल 310 करोड़ रुपए का घोटाला किया है। इतना ही नहीं 2017-18 के बीच मुंबई हवाई अड्डे ( Mumbai Airport ) के चारों ओर 200 एकड़ अविकसित भूमि पार्सल में अचल संपत्ति का विकास किया गया था, इसे लेकर भी CBI ने सवाल खड़े किए हैं। FIR में ये भी कहा गया है कि MIAL में GVK के प्रमोटरों ने एमआईएएल के खर्च को बढ़ाने के लिए संयुक्त उद्यम कंपनी के 100 करोड़ से अधिक का गबन किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सभी राशि को जोड़ा जाए तो सरकारी खजाने को तकरीबन एक हजार करोड़ का नुकसान हुआ है।


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