नंदा देवी ईस्ट में पर्वतारोहण के दौरान एवलांच आने से बर्फ में दबे पर्वतारोहियों के शवों को निकालने के लिए तीन विभागों का संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है। इसमें सेना, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीम प्रमुख रूप से शामिल है।
नंदादेवी ईस्ट के पास 18,000 से 20,000 फीट पर IAF हेलिकॉप्टर के जरिये ITBP के 4 उच्च प्रशिक्षित पर्वतारोहियों को छोड़ा जाएगा। ये पर्वतारोही न सिर्फ पांच मृत शवों को वहां से निकालेंगे बल्कि अन्य तीन लापता पर्वतारोहियों को खोजने का काम भी करेंगे।
आपको बता दें कि कुल 8 विदेशी ईस्ट नंदा देवी पीक पर पर्वतारोहण के दौरान लापता हो गए थे। दो दिन चले ऑपरेशन के बाद सोमवार को 5 पर्वतारोहियों के शवों के फोटोग्राफिक एविडेंस मिले थे। लेकिन तीन पर्वतारोहियों को अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। इन्हीं तीन पर्वतारोहियों को खोजना और पांच शवों को पिथौरागढ़ पहुंचाने के लिए बुधवार सुबह टीम रवाना हुई है।
जिन पर्वतारोहियों के शवों के एविडेंस मिले हैं उन्हें नंदा देवी ईस्ट से निकालने के बाद नैनीसैनी हवाई पट्टी लाया जाएगा। इस पट्टी पर ही मृतकों का पंचनामा किया जाएगा , जिसके बाद इन्हें संरक्षित रखने के लिए सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी भेज दिया जाएगा। आपको बता दें कि मेडिकल कॉलेज में ही शवों के DNA सैम्पल भी लिए जाएंगे। मृत पर्वतारोहियों को उनके देश को सुपुर्द करने के लिए दूतावासों से संपर्क कर लिया गया है। पत्र के जिरये इन दूतावासों को जानकारी दी गई है ताकि वे इन शवों को ले जा सकें।
दुनिया के जाने-माने पर्वतारोही मार्टिन मोरन की अगुवाई 13 मई को ब्रिटेन, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के 8 लोगों का एक दल चोटी को फतह करने निकला था। इसके बाद 24 मई को पता चला कि पर्वतारोही किसी बड़े एवलॉंच की चपेट में आ गए और लापता हो गए थे।