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बच्चों के लिए गेमचेंजर हो सकती है नेजल वैक्सीन – सौम्या स्वामीनाथन

डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन को नेजल वैक्सीन से उम्मीद । 'स्वामीनाथन ने कहा, जोखिम कम हो तभी स्कूल खोले जाएं'।

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सौम्या स्वामीनाथन, डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक

सौम्या स्वामीनाथन, डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक

नई दिल्ली । देश में बच्चों को नाक के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि यह नेजल वैक्सीन बच्चों के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है। हालांकि इसके इस साल उपलब्ध होने की संभावना नहीं है।

एक इंटरव्यू में बाल रोग विशेषज्ञ स्वामीनाथन ने कहा कि यह वैक्सीन लगाना काफी आसान होगा। यह बच्चों की सांस की नली को प्रतिरक्षा प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि विभिन्न देशों में कई वैक्सीन डेवलपर्स ने बाल परीक्षण शुरू कर दिए हैं। फाइजर वैक्सीन को अमरीका में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए मंजूरी मिल चुकी है। उम्मीद है कि एक दो महीने में बच्चों के लिए फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन को मंजूरी मिल जाएगी।

4 बूंदें ही काफी -
भारत बायोटेक नेजल वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर चुकी है। इसकी सिर्फ चार बूंदें काफी होंगी। नाक के दोनों तरफ दो-दो बूंदें डाली जाएंगी। ट्रायल के दौरान अब तक 175 लोगों को यह वैक्सीन दी जा चुकी है।

कोरोना के सामुदायिक प्रसारण का जोखिम कम होने पर ही स्कूल खोले जाएं। सभी शिक्षकों को टीका लगाना बड़ा कदम होगा।
- सौम्या स्वामीनाथन, डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक


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