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​नासिक प्रेस में नोट छापने की स्याही खत्म, 500 रुपए की छपाई का काम रुका

नासिक प्रेस में नवंबर 2017 से 500 रुपए के नोटों की छपाई बंद है।

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नई दिल्ली। देश में पैदा हुए नकदी संकट को पाटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक बड़ी संख्या में 200 और 500 रुपए के नोटों की छपाई करा रहा है। लेकिन नासिक में चल रही नोटों की प्रिंटिंग बीच में ही बंद हो गई है। दरअसल, यहां नोटों की छपाई रुकने की वजह कुछ और नहीं बल्कि प्रेस में स्याही का खत्म होना है। छापाखाना कामगार परिसंघ के अध्यक्ष जगदीश गोडसे के अनुसार नोटों को छापने वाली स्याही फिलहाल खत्म हो गई है, जिसकी वजह से नोटों की छपाई बीच में ही रुक गई है। उन्होंने स्याही की कमी को इससे जोड़ते हुए कहा कि यह भी नोटों की छपाई न होने की मुख्य वजह हो सकती है।

पिछले साल से नहीं हुई छपाई

दरअसल, सरकार ने 500 रुपए के नोटों की छपाई पांच गुणा करने के आदेश जारी किया है। इसके पीछे सरकार की मंशा मई में 75,000 करोड़ रुपए के नए नोटों की सप्लाई करना है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नासिक प्रेस में नवंबर 2017 से 500 रुपए के नोटों की छपाई बंद है। हालांकि इसके पीछे कारण 2017-18 का लक्ष्य पूरा होना बताया जा रहा है। रिपोर्ट में बताया गया कि 2017 में भारतीय रिजर्व बैंक ने नासिक प्रिंटिंग प्रेस को 18 मिलियन नोटों की छपाई का टारगेट दिया गया था।

चिदंबरम ने साधा निशाना

वहीं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने देश में नकदी की किल्लत पर बुधवार को सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पर हमला बोलते हुए कहा कि नोटबंदी का भूत उनका पीछा करते हुए लौट आया है। उन्होंने हाल ही में हुए बैंक घोटालों को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों का भरोसा बैंकों पर से उठ चुका है। उन्होंने कहा कि मुझे संदेह है कि आम लोग बैंकों से नकदी निकाल तो रहे हैं, लेकिन अपनी अतिरिक्त नकदी वापस बैंकों में जमा नहीं कर रहे हैं। संभव है कि ऐसा बैंकिंग प्रणाली पर भरोसा उठने के कारण हुआ हो, जिसका श्रेय बैंक घोटालों को जाता है।