
48 घंटे के अंदर रफाल पर NCP ने पेश की सफाई, शरद पवार ने नहीं दी पीएम मोदी को क्लीन चिट
नई दिल्ली। मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार को रफाल सौदे पर एक बयान देना महंगा पड़ गया। इसका असर इतना दिखा कि 48 घंटे बीते भी नहीं कि इस मुद्दे पर एनसीपी ने सफाई पेश कर दी है। एनसीपी ने सफाई देते हुए कहा कि पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने राफेल मुद्दे पर पीएम मोदी को क्लीन चिट नहीं दी है। पार्टी की तरफ से यह बयान ऐसे समय आया है जब पवार ने टिप्पणी की है कि लोगों को सौदे में पीएम की मंशा पर कोई संदेह नहीं है।
मीडिया ने बयान को गलत तरीके से पेश किया
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रवक्ता नवाब मलिक ने पार्टी की इस मांग को दोहराया कि केंद्र सरकार रफाल लड़ाकू विमानों के दाम का खुलासा करे। उन्होंने कहा कि इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से भी जांच कराने की मांग की है। बता दें कि मंगलवार को एक मराठी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में पवार ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि लोगों को रफाल सौदे पर मोदी की मंशा पर कोई संदेह है। उन्होंने कहा था कि विमान से संबंधित तकनीकी जानकारियां साझा करने की विपक्ष की मांग में कोई तुक नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि विमान के दामों का खुलासा करने में कोई नुकसान नहीं है। मलिक ने कहा कि पवार के बयान को लेकर मीडिया में आई खबरें भ्रम फैलाने वाली और गुमराह करने वालीं हैं।
पीएम मोदी को दी क्लीन चिट
इससे पहले यह खबर आई थी कि पूर्व रक्षामंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने राफाल सौदे पर मोदी सरकार को एक तरह से क्लीन चिट देते हुए कहा था कि लोगों को पीएम मोदी की नीयत पर कोई शक नहीं है। उन्होंने रफाल के तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की और इस मुद्दे पर कांग्रेस की मांग को नाजायज ठहरा दिया। हालांकि यूपीए सरकार में कृषि मंत्री रहे पवार ने ये भी कहा कि राफेल विमान की कीमत बताने में कोई हर्ज नहीं होना चाहिए।
राहुल गांधी को दी नसीहत
पवार का यह बयान मीडिया में आते ही भाजपा ने इसे पीएम मोदी के पक्ष में भुनाना शुरू कर दिया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार जी ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हित में सच बोल रहे हैं। शाह इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने राहुल गांधी पर तंज करते हुए कहा कि उन्हें कम के कम अपने गठबंधन के पुराने सहयोगी रहे शरद पवार से ही बुद्धिमानी सीखनी चाहिए।
Published on:
28 Sept 2018 08:13 am
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
