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नेपाल: पार्टी और चुनाव चिह्न पर जंग, उच्च सदन के शीतकालीन सत्र को बुलाने की सिफारिश

Highlights. - सरकार ने निचले सदन को भंग करने के लगभग एक सप्ताह बाद संसद के उच्च सदन के शीतकालीन सत्र को 1 जनवरी को बुलाने की सिफारिश राष्ट्रपति से की - रकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने 2 जुलाई को संसद के बजट सत्र की शुरुआत की थी - संविधान के अनुसार, दो सत्रों के बीच का अंतर छह महीने से अधिक नहीं हो सकता है  

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Ashutosh Pathak

Dec 27, 2020

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नई दिल्ली/काठमांडू.

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अगुवाई वाली सरकार ने निचले सदन को भंग करने के लगभग एक सप्ताह बाद संसद के उच्च सदन के शीतकालीन सत्र को 1 जनवरी को बुलाने की सिफारिश राष्ट्रपति से की है। सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने 2 जुलाई को संसद के बजट सत्र की शुरुआत की थी। संविधान के अनुसार, दो सत्रों के बीच का अंतर छह महीने से अधिक नहीं हो सकता है।

उधर, ओली व ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाले पार्टी के दोनों गुटों ने चुनाव चिह्न के साथ आधिकारिक पार्टी की मान्यता बनाए रखने के जतन तेज कर दिए हैं। मध्यावधि चुनाव के लिए दोनों धड़े रणनीति बना रहे हैं। चुनाव आयोग तय करेगा कि एनसीपी का कौन सा गुट पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ले जाएगा।

ओली को मनाने चीन से आ रहे मंत्री

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने क युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों की एक उच्च-स्तरीय टीम को नेपाल क युनिस्ट पार्टी को विभाजित होने से रोकने के लिए काठमांडू की यात्रा करने का आदेश दिया है। यह फैसला नेपाल में चीनी राजदूत हाओ यांकी के फीडबैक से लिया गया। मंत्री गुओ येचाउ के नेतृत्व में टीम रविवार को नेपाल आकर अगले चार दिन यहीं रहेगी।


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