यूनिसेफ इंडिया इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार का सहयोग कर रहा है। बहरहाल, ऐप व पोर्टल पर रिकॉर्ड देख महिला को जरूरत पड़ने पर इलाके के नजदीकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराए जाने का प्रावधान है। सरकारी अस्पतालों ने काउंसलर भी नियुक्त किए हैं जो आशा वर्कर्स की मदद से महिलाओं की काउंसिंग करते हैं। हर महीने की नौ तारीख को गर्भवती महिलाओं को निशुल्क, व्यापक एवं गुणवत्तापूर्ण प्रसवपूर्व देखभाल उपलब्ध कराया जाता है। गर्भवती महिलाएं गर्भधारण की दूसरी या तीसरी तिमाही में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के स्त्रीरोग विशेषज्ञों से विशेष प्रसव पूर्व जांच सेवाओं का लाभ उठा सकती हैं। इन सेवाओं में अल्ट्रासाउण्ड, रक्त एवं मूत्र की जांच शामिल है। निजी क्षेत्र के चिकित्सक भी इस योजना में भूमिका निभाएंगे।